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सुखी वैवाहिक जीवन बिताना हैं तो महादेव से सीखें ये बातें, पति-पत्नी में बना रहेगा प्रेम संबंध

हर व्यक्ति की यही कामना होती है कि जीवन में उसे ऐसा साथी मिले जिसके साथ वो अपना जीवन सुख से बिताए। हम सच्चे प्यार के लिए उदाहरण ढूंढते रह जाते हैं जबकि हमारे ईश्वर ने ही हमें सिखाया है की प्रेम कैसे करना चाहिए। हिंदू धर्म में भगवान शिव को गृहस्थ का देवता माना गया है। हर लड़की अच्छा पति पाने के लिए भगवान शिव की पूजा करती है और महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। शिवरात्री का पर्व भी इसलिए मनाते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न कर उनके जैसा जीवनसाथी पा सकें। अगर आप सुखी वैवाहिक जीवन जीना चाहते हैं तो शिव जी से आपको ये 5 बाते सीखनी चाहिए।

समानता

जिस विवाह संबंध में कोई एक खुद को सर्वोपरि और सामने को दबाने का विचार रखता है उसका वैवाहिक जीवन कभी अच्छा नहीं गुजरता। महादेव से सिखिए कि कैसै इतने पूजनीय और इतने शक्तिशाली होते हुए भी उन्होंने कभी माता पार्वती से खुद को ऊंचा नहीं बताया बल्कि महादेव एकलौते ऐसे देवता हैं जिन्हें अर्द्धनारेश्वर कहा गया है। इसका अर्ध है आधा पुरुष और आधा स्त्री। वो अपनी पत्नी पार्वती को अपना आधा अंग मानते हैं। दोनों के शरीर अलग होते हुए भी आत्मा एक है। जब वो आराध्य होकर खुद को पत्नी के सामान मानते हैं तो आप तो बस एक इंसान हैं।

प्रेम

आजकल ल़ड़किय़ां और उनके माता पिता दोनो ही शादी के वक्त लड़के का बैंक बैलेंस, रुपया-पैसा, बंग्ला- गाड़ी देखते हैं फिर शादी तय करते हैं। ऐसे में लड़कियो को माता पार्वती को देखना चाहिए जिन्होंने गले में सांप डाल, भस्माधारी शिव को अपना पति चुना। जो जंगलों और पर्वतों में निवास करते हैं। अगर वो विष्णु भगवान से विवाह करतीं तो राजपाठ महल सबकुछ मिलता, लेकिन उन्हें महादेव से प्रेम था इसलिए उन्होंने महादेव को चुना।

ईमानदारी और त्याग

हर लड़की की यही कामना होती है की उसका जीवन साथी उससे सबसे अधिक प्यार करे और हर लड़का चाहता है कि उसकी पत्नी उसे इज्जत और सम्मान के साथ प्यार दे। महादेव अपनी पत्नी से इतना प्रेम करते थे कि जब वो सती रुप में भस्म हो गई थी तो उनका शरीर लेकर वो दुनिया से विरक्त हो गए थे वहीं पार्वती मां हमेशा से शिव के साथ उनके हर वक्त की साथी हैं।

परिवार का सतुंलन

परिवार संयमित ढंग से चलाना है तो शिव जी से मेनेजमेंट की बातें भी सीख लें। आपके परिवार मे चार लोग हैं तो आपकी खटपट होती रहती है, लेकिन देखें कि कैसे शिव के परिवार में रहने वाले दुश्मन भी वहां परिवार की तरह रहते हैं। जैसे शिव के गले में सांप है और उनके पुत्र गणेश का वाहन चुहा है। चूहा औऱ सांप एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं, लेकिन दोनों में यहां कोई लड़ाई नही हैं। ऐसे ही मां गौरी का वाहन शेर है और भगवान शिव का वाहन बैल है वो दोनों भी शत्रु होते हैं, लेकिन इस परिवार में ऐसी कोई बात नही हैं। जब शत्रु भी साथ रहकर एक ही परिवार का हिस्सा हो सकते हैं तो परिवार के लोग तो आपके शत्रु भी नही हैं।

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