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पति-पत्नी की उम्र में हैं ज्यादा अंतर तो होने वाले बच्चे को होगा ये खतरा, वैज्ञानिकों ने किया है शोध

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: पुराने समय में बड़े-बूढ़ों द्वारा बनाए गए नियम भले ही आज आपको अच्छे ना लगते हों लेकिन उन नियमों का एक विशेष महत्व होता था। भले ही तब वो उसे धर्म और सभ्यता से जोड़कर बताते हों लेकिन ये बात शत-प्रतिशत सच है कि उन बातों का एक वैज्ञानिक अर्थ भी होता था। लेकिन वहीं उनके कुछ नियम गलत भी होते हैं।

बता दें कि पुराने जमाने में शादियों में पति-पत्नी की उम्र के बीच 10 से अधिक साल का अंतर हुआ करता था, जो कि उनके होने वाले बच्चों के लिए बेहद खतरनाक होता था। बता दें कि बदलते समय के साथ अब इस परंपरा को बदल दिया गया है। हालांकि पति-पत्नी के बीच 2-3 साल का अंतर होना कोई खराब बात नहीं हैं लेकिन 10 साल का अंतर होना उनके होने वाले बच्चों के लिए हानिकारक है और ऐसा साबित हुआ है एक शोध में।

बता दें कि जिन पति-पत्नी के बीच 10 साल या इससे अधिक का फर्क होता है तो उनके बच्चों में ऑटिज्म का खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस खतरे को लेकर किए गए अब तक के सबसे बड़े सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि किशोर माता –पिता के बच्चों की तुलना में उम्रदराज माता-पिता के बच्चों में ऑटिज्म का ज्यादा खतरा होने की संभावना ज्यादा होती है।

आपको बता दे कि यह सर्वे 5 देशों में 57 लाख बच्चों पर किया गया था। इसके साथ ही न्यूयार्क के माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के जुड़े विशेषज्ञ स्वेन सांडिन ने बताया कि माता पिता की उम्र में अंतर होना ऑटिज्म के लिए एक खतरनाक फैक्टर है। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक 50 साल से अधिक उम्र के पिता से जन्में बच्चों में ऑटिज्म की दर 66 फीसदी अधिक पाई जाती है।

तो वहीं 20 से 30 साल के पिता के बच्चों में इसकी दर की तुलना में 40 से 50 साल के पिता के बच्चों में 28 फीसदी अधिक पाई गई। उन्होंने यह भी पाया कि 20 से 30 साल के बीच की माताओं की तुलना में किशोर माताओं से जन्में बच्चों में ऑटिज्म की दर 18 प्रतिशत अधिक पाई गई। वहीं 35 से 44 साल के पिता में और माता पिता के उम्र में 10 साल या इससे अधिक का अंतर होने पर इसकी दर सबसे ज्यादा होती है।

वैज्ञानिको द्वारा किए गए इन शोधों के अनुसार पति-पत्नी के बीच में उम्र का अंतर अधिक होना उनके बच्चों के लिए हानिकारक होता है। जिसके चलते उनको कई तरह की परेशानी आपको झेलनी पड़ सकती है।

क्या होता है ऑटिज्म-

बता दें कि आटिज्म एक मस्तिष्क की बीमारी है जिसके चलते इंसान के मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्र एक साथ काम नहीं कर पाते हैं। इसे आटिज्म स्पेक्ट्रम विकार भी कहा जाता है। बता दें कि इस बीमारी से ग्रसित लोग दूसरों से रिलेशन बनाना काफी कठिन होता है। क्योंकि ऑटिज्‍म से ग्रस्त व्यक्ति बाकि लोगों से अलग सुनते, देखते और महसूस करते हैं। साथ ही इस बीमारी का कोई इलाज नहीं हैं।

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