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रेड के दौरान इस IRS ऑफिसर के घर मिले 2.25 करोड़ कैश, 82 प्लाट और कई दुकानों के कागज़, फिर भी ले रहा था रिश्वत

बीतें कुछ सालों में मोदी सरकार ने भारत देश में रिश्वत ख़तम करने को लेकर कईं ठोस कदम उठाए हैं. जिनमे से नोटबंदी सरकार का सबसे अहम और कठिन फैसला था. इस नोटबंदी के बाद कईं साहूकारों का काला धन पकड़ा गया और सरकार को सौंपा गया. हालाँकि सरकार का य दावा था कि अब देश में भृष्टाचार काफी कम हो गया है लेकिन हकीक़त तो कुछ और ही है. हाल ही में राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरों ने शनिवार को कोटा के एक नारकोटिक्स विभाग के एडिशनल कमिश्नर सहीराम मीणा को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया.

बता दें कि इस रेड के दौरान नारकोटिक्स के कमिश्नर सहीराम के घर और दफ्तर समेत कईं अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस दौरान सहीराम की बड़ी मात्रा में गैर-कानूनी संपत्तियां बरामद की गई. ख़बरों के अनुसार जांच टीम को किसी अपरिचित व्यक्ति ने शिकायत की थी. ज्सिके बाद उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए सहीराम मीणा के ठिकानों पर रेड मारी. इस रेड के दौरान जांच अधिकारियो को उनकी आमदनी से कईं गुना अधिक संपत्ति और ज़मीन जायदाद मिली.

छापेमारी में मिले कईं पेट्रोल पंप

सहीराम मीणा के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी के दौरान जांच टीम को उनके नाम कईं ज़मीने और दुकानें मिली. एएसपी ठाकुर चंद्रशील के नेतृत्व में की गई इस रेड के दौरान पुलिस ने जब जगतपुर के शंकर विहार इलाके में छान-बीन की तो वहां उन्हें सहीराम मीणा के नाम पर 82 प्लॉट्स, जयपुर के 25 दुकानों के कागज़ात, 2.25 करोड़ कैश और लगभग 6.22 लाख रुपए के गहने मिले. इसके इलावा पुलिस ने सहीराम से मुंबई का एक फ्लैट, जयपुर के सांगानेर में 1.2 हैक्टेयर की कृषि भूमि और मिरीजी गार्डन के साथ साथ पेट्रोल पंप जब्त किए.

ऐसे हुई थी करवाई की शुरुआत

एडिशनल कमिश्नर सहीराम मीणा

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सहीराम मीणा राजस्थान के कोटा के नारकोटिक्स विभाग में एडिशनल कमिश्नर किपोस्त पर काम कर रहे थे. खुद एक सरकारी अफसर होने के बाद भी उन्होंने रिश्वत लेने की सारी हदें पार कर दी थी. पुलिस और जांच टीम की छापेमारी के दौरान सहीराम मीणा से करोड़ों की जायदाद, पेट्रोल पंप और जेवरात बरामद किए हालाँकि उनकी अपनी आय इससे कईं गुणा कम थी. सूत्रों की माने तो इससे पहले भी सहीराम मीणा पर रिश्वत लेने के कईं आरोप लगते रहे हैं साथ ही वह कईं सरकारी नियमों का भी उलंघन करते पकडे गए हैं. लेकिन हर बार वह किसी ना किसी तरह से खुद को बचा पाने में कामयाब होते रहे. लेकिन आखिरकार एक शख्स की रिपोर्ट ने उनकी सारी पोल खोल दी जिसके बाद का नतीजा आप सब के सामने है.

एक लाख रुपए लेते पकड़ा गया

बता दें कि चितौरगढ़ के एक व्यक्ति से सहीराम मीणा ने अफीम पट्टे का मुखिया बनाने के बदले में पांच लाख रुपए की डिमांड की थी. ज्सिके बाद उस व्यक्ति ने पुलिस को सारी घटना का ब्योरा दे दिया. शिकायत के बाद पुलिस ने उन्हें एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया और उनके घर से पांच लाख रुपए बरामद किए. जानकारी के अनुसार अभी सहीराम मीणा के अन्य निवासों पर पुलिस की लगातार छापेमारी जारी है.

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