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राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में फंस चुके हैं ये सितारे, एक तो बॉलीवुड पर करता है राज

26 जनवरी का दिन हमारे देश के लिए बहुत खास होता है क्योंकि इसी दिन हमारे देश के संविधान का निर्माण हुआ था। इस दिन हर दफ्तर, स्कूल, इवेंट में ध्वजारोहण होता है और राष्ट्रगान गाया जाता है। देश के सम्मान में लिखा गया राष्ट्रगान जन गण मन जब भी प्ले होता है तो देश के हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। इसके सम्मान में हम सीधे खड़े रहते हैं और इस गीत को गाते हैं। हालांकि कई बार ऐसा भी हुआ हा जब राष्ट्रगान का अपमान भी हो गया है। ऐसा करने वालों में कई बॉलीवुड स्टार भी शामिल हैं जिनके ऊपर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा है।

अमिताभ बच्चन

इसमें सबसे ब़ड़ा नाम अमिताभ बच्चन का आता है जिनपर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा था। उनके ऊपर राष्ट्रगान को गलत तरीके से गाने का आरोप लगा था। दरअसल ईडन गार्डन में वर्ल्ड टी 20 मैच के लिए भारत औऱ पाकिस्तान के बीच खेल होना था जिसके लिए राष्ट्रगान गाया गया था। ऐसे में एक शिकायतकर्ता का आरोप था कि अमिताभ ने राष्ट्रगान खत्म करने में 1 मिनट 10 सेकेंड का समय लिया था, जबकि राष्ट्रगान सिर्फ 52 सेकेंड में खत्म हो जाता है। ये तर्क देते हुए बीग बी पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।

अमीषा पटेल

इस लिस्ट में सिर्फ बीग बी का ही नहीं गदर गर्ल अमीषा पटेल का नाम भी शामिल है। 2015 में कुशाल टंडन ने आरोप लगाया था कि फिल्म के पहले चलने वाले राष्ट्रगान के वक्त अमीषा पटेल खड़ी नहीं हुई और राष्ट्रगान का अपमान किया था। वहीं अमीषा पटेल ने अपनी सफाई में कहा था कि वह उस समय पीरियड्स में थीं और कपड़े खराब ना हो इस वजह से वह खड़ी नहीं हुई थी। दोनों के ट्वीटर वॉर ने खूब सूर्खियां बटोरी थी।

राष्ट्रगान के सम्मान में ना खड़े होने के कई मामले सामने आते रहते हैं। कानूनी तौर पर प्रिवेंश ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 191 की धारा तीन के मुताबिक अगर राष्ट्रगान  वक्त कोई बाधा डालता है या रोकता है तो उसे 3 साल तक की कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है। हालांकि साथ ही में ये अपवाद भी है कि किसी को भी राष्ट्रगान  गाने के लिए बाधित नहीं किया जा सकता। यह तो खुद की समझ है कि आप देश के सम्मान में बजने वाले राष्ट्रीय गीत के लिए कुछ समय निकाल कर खड़ें हों और उसे सम्मान दें।

जन गण मन का इतिहास

राष्ट्रगान संविधान सभी ने 24 जनवरी 1950 में अपनाया था। राष्ट्रगान एक ऐसा गीत है जो किसी भी देश के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है और उस देश की पहचान होता है। जन गण मन को पहले राष्ट्रगान घोषित करने से पहले वंदेमातरम को राष्ट्रगान घोषित किया जाना था क्योंकि उसकी पहली चार लाइन देश को समर्पित है, लेकिन आगे की लाइन मां दुर्गा के लिए है। ऐसे में एक ऐसे गीत को राष्ट्रगान घोषित नहीं कर सकते तो किसी एक धर्म के देवी देवता का गुणगान करती हो। इसके बाद इसके राष्ट्रीय गीत बनाया गया और जन गण मन को राष्ट्रगान घोषित किया गया। रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे बंगाली भाषा में लिखा था।

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