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पिता की सांस रुकते ही बेटे ने किया “महाकाल” को याद, फिर जो हुआ यकीन नहीं कर पायेगा कोई

नई दिल्ली: इंसान की मृत्यु उसकी जिंदगी का एक ऐसा कड़वा सच है, जो एक ना एक दिन ना चाहते हुए भी मानना ही पड़ता है. आपने आज तक कईं हादसों और मौतों के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या कभी आपने किसी मरते हुए व्यक्ति को वापिस जिंदा होते हुए देखा है? दरअसल, आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़ कर आपके पैरों तलों से ज़मीन खिसक जाएगी. यह पूरा मामला इंदौर के एक निजी अस्पताल का है. जहाँ कुछ दिनों पहले ही एक बिजनेसमैन को खंडवा के एक अस्पताल में डॉक्टर्स वर मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर्स के अनुसार बिजनेसमैन की सांसें नही चल रही थी और ना ही वेंटीलेटर पर उसकी प्लस को महसूस किया जा रहा था. जिसके कारण उस व्यक्ति को मरा हुआ समझ कर लाश को खंडवा के श्मशान घाट लेजाया जा रहा था.

बिजनेसमैन की मौत का सदमा पूरा परिवार नहीं सह पा रहा था. ऐसे में जब बेटे को अपने पिता की मौत की ख़बर मिल तो वह हक्का बक्का रह गया और महाकाल को याद करने लगा. महाकाल को याद करने की ही देर थी कि पिता की सांसें फिर से चलने लग गई. जिसके बाद परिजनों ने ड्राईवर की मदद से उन्हें फौरन खेडीघाट के श्री दादाजी हॉस्पिटल लेजाया गया. वहां के डॉक्टरों ने जब मरीज की जांच की तो उन्हें  जीवित बताकर वापिस आईसीयू में भारती कर लिया गया. देखते ही देखते शाम यो गई और मरीज़ की हालत में सुधार आने लगा. जिस घर की खुशियाँ सुबह तक उजड़ चुकी  थी और मातम का माहौल बना हुआ था, शाम तक वह फिर से हंसी की किलकारियां गूँज उठी.

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि लंग्स इन्फेक्शन से पीड़ित उद्योगपति अशोक अग्रवाल को इंदौर के एक निजी अस्पताल भारती करवाया गया था. यहाँ 15 दिनों के बाद भी उनकी हालत में किसी तरह का कोई सुधार देखने को नहीं मिला. जब डॉक्टर्स ने उन्हें वेंटीलेटर पर रखा तो उनकी प्लस बार बार जाती दिखाई दी. वहीँ शनिवार को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

मिली जानकारी के अनुसार अशोक अग्रवाल अग्रसेन समिति खंडवा के अध्यक्ष और खंडवा मंडी क्रेता विक्रेता संघ के अध्यक्ष तथा नयन एग्रो के संचालक हैं. जब उनकी प्लस जाती दिखी तो डॉक्टर्स ने उन्हें मृत बता दिया. इसके पश्चात पूरा परिवार गम में डूब गया और सभी मित्रों और रिश्तेदारों को उनकी शवयात्रा की सूचा दे दी गई. परिवार वालों ने अशोक अग्रवाल की अंतिम यात्रा के लिए 13 जनवरी, रविवार प्रातः 10 बजे निवास स्थान शांति निकेतन कॉलोनी, इंदौर रोड से राजा हरिशचंद्र मुक्तिधाम ले जाने की बात सभी रिश्तेदारों तक पहुंचा दी. लेकिन शाम को अचानक से उनके जिन्दा होने की खबर ने सबको सकते में डाल दिया.

वहीँ बेटे अमित अग्रवाल ने एक अपील करते हुए कहा कि मेरे पिता का स्वास्थ्य अब बिलकुल ठीक है लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भ्रामक जानकारियां भेजी जा रही हैं इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि कोई गक्त अफवाह ना फैलाई जाए.

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