अध्यात्म

जानिए क्या है मक्का मदीना में शिवलिंग का रहस्य

इस दुनिया में लाखो – करोड़ो लोग रहते हैं जो अपने अलग-अलग धर्म और रीति रिवाजों से संबंध रखते हैं. जैसे हम हिंदू और सिख लोग मंदिरों और गुरुद्वारों को उत्तम मानते हैं, ठीक वैसे ही मुस्लिमों के लिए मक्का मदीना किसी जन्नत से कम नहीं है. मक्का का इतिहास कईं सालों से रहस्मयी बना हुआ है. हर मुस्लिम अपनी जिंदगी में एक बार मक्का-मदीना जाने की ख्वाहिश जरुर रखता है. मक्का मदीना (Macca Madina) की यात्रा को हम लोग “हज” के नाम से भी जानते हैं. हर साल लाखों मुस्लिम लोग हज यात्रा के लिए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि मक्का जो भी मुस्लिम पहुँच जाता है, उसका जीवन सफल हो जाता है. वहीँ कुछ लोग Macca Madina के इतिहास को हिंदुओ से जोड़ते हैं. बहरहाल इस तथ्य में कितनी सच्चाई है और कितना झूठ चलिए जानते हैं.

मक्का मदीना

कहाँ हैं मक्का मदीना?

Macca-Madina साउथ अरेबिया की धरती पर मौजूद है. कहा जाता है कि सऊदी अर्ब में ही इस्लाम धर्म की नींव रखी गई थी. मक्का में मौजूद काबा की परिक्रमा करके हर मुसलमान धनी हो जाता है. हर साल 10 जिलहज को यहाँ दुनिया के कौने-कौने से मुसलमान पहुँचते हैं. Macca Madina असल में साम्राज्य शासक की राजधानी है जोकि समुद्र सतह से 277 मीटर (909 फ़ीट) ऊँची जिन्नाह की घाटी पर शहर से 70 किलोमीटर अंदर स्थित है. मक्का मदीना को ‘अल-मदीना अल-मुनव्वरा’ भी कहा जाता है. मक्का मदीना का इतिहास मुस्लिमों के पैगंबर हज़रत मुहम्मद से जुदा हुआ है. मान्यता है कि हज़रत मोहम्मद ने ही इसे मुस्लिमों का तीर्थ स्थल बनाया था. यहीं पर पैगंबर हज़रत मुहम्मद को दफ़न किया गया था.

मक्का मदीना

मक्का-मदीना में ‘काफ़िर’ शब्द का राज़

मक्का एक संकरी, बकुई और अनउपजाऊ घाटी में बसा शहर है जहाँ बहुत कम वर्षा होती है. यहाँ के नगर का पूरा खर्चा यात्रियों से वसूले गए कर से चलाया जाता है. इसके मध्य में मौजूद काबा एक क्यूब के आकर की ईमारत है, जहाँ मुस्लिम 7 चक्कर लगाते हैं और फिर इसे चूमते हैं. बता दें कि यही पर पैगंबर मुहम्मद साहब ने 570 ई. पू. में जन्म लिया था लेकिन वह 620 ई. पू. में मक्का छोड़ कर मदीना चले गए थे. पैगंबर मुहम्मद के अनुसार हर मुस्लिम को अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए एक बार यहाँ जरुर जाना चाहिए. आज भी यहाँ पैगंबर मुहम्मद के चरण चिन्ह मौजूद हैं. कुछ समय पहले की सूचनाओ के अनुसार यहाँ के प्रवेश द्वारा पर “काफिरों का आना माना है” लिखा गया था. जिसे हिंदुओं के साथ जोड़ा जा रहा था. लेकिन असल में काफिर शब्द का अर्थ “गैर मुसलमान” है. अर्थात यहाँ मुसल्मानों के इलावा किसी भी अन्य धर्म के व्यक्ति का जाना वर्जित रखा गया है.

Macca Madina में शिवलिंग का सच

बहुत से लोग मदीना का इतिहास हिंदू धर्म से जोड़ते हैं. मान्यता है कि यहाँ मक्का मदीना बनने से पहले हिंदुओं का बहुत बड़ा मक्केश्वर महादेव मंदिर था. इतिहासकारों के अनुसार यहाँ एक काले रंग का विशाल शिवलिंग भी था जो आज भी वहां खंडित अवस्था में मौजूद है. इसके बारे में प्रसिद्ध इतिहासकार स्व0 पी.एन.ओक ने अपनी पुस्तक ‘वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास’ में बहुत विस्तार से लिखा है. इस पुस्तक के अनुसार मुस्लिम लोग काबा में जिस पत्थर को चूमते हैं वह कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव का शिवलिंग ही है. इसके बारे में कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को काफी शेयर किया गया था, जिसमे लोग एक शिवलिंग को Macca Madina से जोड़ रहे थे. हालाँकि यह सब हमारी काल्पनिक सोच है, मक्का में ना तो कोई शिवलिंग है और ना ही मुस्लिम लोग वहां किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को अंदर जाने देते हैं.

Macca से Madina की दूरी

मक्का मदीना (Macca Madina) अरब में स्थित हैं. इस्लाम धर्म में इसकी बहुत मान्यता हैं. कहा जाता हैं की इस यात्रा को करने से बहुत अच्छा फल मिलता हैं. मदीना मक्का के उतर मई स्थित हैं. मक्का से मदीना की दुरी 454 किलो मीटर, वाया रास्ता नंबर 15 से हैं. मक्का से मदीना के लिए आप वायु, सड़क, और रेल परिवहन माध्यम से जा सकते हैं.

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