राजनीति

पूर्व वायुसेना प्रमुख ने मनमोहन सिंह पर किया खुलासा, कहा – अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में PMO भी था शामिल

नई दिल्‍ली – वर्ष 2004 में हुए 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्‍यागी और गौतम खेतान और दिल्‍ली के वकील संजीव त्‍यागी उर्फ जूली त्‍यागी को गिरफ्तार किया था। पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को शनिवार को 4 दिनों की सीबीआइ रिमांड पर भेजा गया। वायुसेना प्रमुख ने इस घोटाले के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पीएमओ कार्यालय को दोषी ठहराया है। त्यागी ने कहा कि इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय को भी थी। Agustawestland Manmohan involve in scam.

 

क्या है अगस्ता वेस्टलैंड डील –

Agustawestland Manmohan involve in scam

 

गौरतबल है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की 6000 मीटर की सर्विस सीलिंग अनिवार्य परिचालन जरूरत (ओआर) है जिस संबंध में आरोप है कि 2005 में वायुसेना प्रमुख ने अन्य आरोपियों के साथ इसे घटाकर 4500 मीटर करने के लिए भारतीय वायुसेना का रूख बदलने की साजिश की। परिचालन जरूरतों में ऐसे बदलाव से ब्रिटेन स्थित कंपनी (अगस्ता वेस्टलैंड) वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के लिए प्रस्ताव के अनुरोध (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) में हिस्सेदारी लेने योग्य हो गई।

3,600 करोड़ रुपए का घोटाला –

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त्‍यागी ने मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया है कि उनके ऑफिस की वजह से यह डील यूके बेस्‍ड हेलीकॉप्‍टर निर्माता के पक्ष में हो गई। सीबीआई ने त्यागी और अन्‍य को 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में शामिल होने की वजह से गिरफ्तार किया है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2007 में रिटायर हुए 71 वर्ष के त्यागी, संजीव और चंडीगढ़ में रहने वाले वकील गौतम खेतान को सीबीआई हेडक्वाटर्र में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। चार घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

त्यागी का दावा, मनमोहन सिंह को सब था पता –

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त्यागी ने उस समय की कांग्रेस सरकार के पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय को भी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एसपी त्यागी के वकील ने नई दिल्ली के पाटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की सलाह के बाद ही वीवीआइपी हेलीकॉप्टर के उड़ने की न्यूनतम ऊंचाई सीमा घटाई गई थी। पूर्व वायु सेना प्रमुख की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने अदालत से कहा, ‘यह सामूहिक फैसला था, न कि त्यागी का व्यक्तिगत फैसला था। यह एक सामूहिक फैसला था, जिसका पीएमओ हिस्सा था।

अगर ये आरोप सही साबित होते हैं तो निश्चय ही यह देश और कांग्रेस के लिए बड़े ही शर्म कि बात होगी।

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