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इस जगह बन रही दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा, अगले साल होगी तैयार

इस दुनिया में दिखाने का प्रचलन बहुत ज्यादा है. ज्यादातर देशों में कुछ ऐसी चीजें निर्मित हैं जो दिखने में खूबसूरत हैं और उन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. हमारे भारत में भी बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखने के लिए देशभर के लोग आते हैं और इसकी तारीफ भी करते हैं. भारत में देखने लायक बहुत कुछ है जैसे लाल किला, ताजमहल, कुतुबमिनार, राजस्थान के कई महल, अहमदाबाद में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और अब इस जगह बन रही दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा, जिसकी ऊंचाई इतनी है कि आप 20 किलोमीटर की दूरी से ही इस मूर्ति के दर्शन कर पाएंगे. शिव प्रतिमा का निर्माण उदयपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर श्रीनाथद्वार के पास गणेश टेकरी में 16 एकड़ क्षेत्र की पहाड़ी पर किया जा रहा है. यह दुनिया की चौथे नंबर और भारत में पटेल प्रतिमा के बाद दूसरे नंबर की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी, जो अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएगी.

इस जगह बन रही दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा

गुजरात के अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को 182 मीटल लंबा बनाया गया है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है और यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है जिसे अंतरिक्ष से भी आसानी से देखा जा सकता है. अब भगवान शंकर की इस प्रतिमा को 351 फिट का बनाया जा रहा है और इस योजना के प्रभारी राजेश मेहता हैं. ‘मिराज ग्रुप’ का ये ड्रीम प्रोजेक्ट साल 2019 में बनकर तैयार हो जाएगा. इस मूर्ति का निर्माण पिछले चार सालों से किया जा रहा है जिसमें अब तक तीन लाख बोरे सीमेंट, 2500 टन सरिया लग चुके हैं और इस प्रतिमा को बनाने में लगभग 750 मजदूरों का हाथ है. इस प्रतिमा में भगवान शंकर ध्यान लगाए और आराम की मुद्रा में बैठे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार इस प्रतिमा में टूरिस्ट 280 फीट ऊपर तक लिफ्ट के जरिए जा सकेंगे. इस प्रतिमा को 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाइओवर से भी आसानी से देखा जा सकता है. इसमें खास बात यह है कि रात में ये मूर्ति मोती की तरह चमकेगी जिसके लिए अमेरिका से एक स्पेशल लाइट मंगाई गई है जिसकी चमक से ये मूर्ति जगमगा उठेगी.

कुछ बिल्डर्स के मुताबिक भारत में जगह-जगह प्रतिमा और कुछ ऐसी जगह बनाई जाने की योजना है जिससे आकर्षित होकर विदेशी यहां आएं और भारत की आर्थिक व्यवस्था में और बढ़त हो. इन योजनाओं को सफल बनाने के लिए भारत सरकार ने अलग-अलग बिल्डर्स से डाय-अप कर रखा है और एक के बाद एक प्रोजेक्ट से पर्दा उठेगा और आपको एक के बाद एक खास नजारा मिलता रहेगा. वैसे राजस्थान में सिर्फ यही मूर्ति नहीं बल्कि और भी चीजें हैं देखने के लिए, यहां पर एक से बढकर एक पैलेस हैं. ये पैलेस प्राचीन राजघरानों के हैं जिन्हें अब उनके वंशज देख रहे हैं और उन महलों से ही उनकी आगे की आमदनी होती है.

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