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बापू के अनुसार जब कोई लड़का आपको छेड़े तो उठायें ये कदम!

महत्मा गाँधी को पूरा विश्व अहिंसा के पुजारी के रूप में जनता है। आज भी कई देशों में इनकी कही हुई बातों को माना जाता है। इन्होने अहिंसा का मार्ग अपनाकर ही अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। आपको बता दें ये दक्षिण अफ्रीका से वापस आने के बाद भारत में ही रहने लगे थे। गुजरात के साबरमती में इन्होने अपना एक आश्रम बनवा रखा था, जहाँ पर अपनी पत्नी के साथ रहते थे। आश्रम में उनके साथ कुछ औरतें भी रहती थीं। गाँधी जी ने लड़कियों को यह भी बताया है कि जब कोई लड़का आपको छेड़े तो उस समय आपको क्या करना चाहिए। आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा था?

साबरमती आश्रम में उनके साथ कुछ लडकियाँ भी रहती थीं:

गुजरात के साबरमती आश्रम में उनके साथ महिलायें और कुछ लडकियाँ भी रहती थीं। एक दिन कुछ लडकियाँ आश्रम से बाहर गयी हुई थीं। बाहर बाजार में कुछ लफंगे उन्हें छेड़ने लगे। इस बात से लडकियाँ घबरा गयीं और कुछ नहीं कर पाने की वजह से डरकर वहाँ से भाग आयीं। वह सभी भागते हुए सीधे गाँधी जी के पास आयीं और सारी घटना बापू को बताई। बापू ने कहा कि तुम लोग भाग क्यों आयी? हिम्मत करके वहीँ रहना चाहिए था ना! ऐसा सुनकर एक लड़की को कुछ अटपटा सा लगा, उसने कहा वहाँ रुकते तो वे लोग हमारे साथ बत्तमीजी करते।

छेड़ने वालों को सबक सिखाना चाहिए था:

इतना सुनने के बाद बापू बोले तब तुम लोगों को मिलकर उन्हें सबक सिखाना चाहिए था। बापू का यह जवाब सुनकर किसी को भी अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ सब चौंक पड़ी। यह क्या जो कल तक अहिंसा की बात करते थे आज वो सबक सिखाने के लिए कह रहे हैं। सबकी परेशानी देखकर बापू को यह समझते देर नहीं लगी कि लड़कियों के मन में क्या चल रहा है। उन्होंने कहा कि अहिंसा बहादुर लोगों का हथियार है। लेकिन अपनी कायरता को अहिंसा का नाम देना भी उचित नहीं हैं। तुम लोग अपनी कायरता दिखाते हुए वहाँ से भाग आयी, जबकि तुम्हें उन्हें सबक सिखाना चाहिए था।

समाज में पनप रहे कीड़ों को सबक सिखाना बहुत जरुरी:

उन्होंने लड़कियों से कहा कि समाज में पनप रहे ऐसे कीड़ों को सबक सिखाने की बहुत ज्यादा जरुरत है। पापियों को सबक सिखाने के लिए कभी-कभी हिंसा का मार्ग अपनाना पड़ता है। अहिंसा का रास्ता उसके लिए अपनाना चाहिए जो इसके क़ाबिल होता है, जबकि लडकियों को छछेड़ने वाले कहीं से भी अहिंसा के लायक नहीं हैं। आज के समय में भी लकड़ियों को बापू की बात को याद रखना चाहिए जो भी उन्हें छेड़ने की कोशिश करे उसे सबक सिखाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

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