बायोग्राफीविशेष

स्मिता पाटिल बॉयोग्राफी, मरने से पहले जताई थी सुहागन की तरह तैयार होने ख्वाहिश

स्मिता पाटिल बायोग्राफी एवं उन का जीवन परिचय, जानिए स्मिता पाटिल के बारे मे. 10 साल के करियर में लोग बॉलीवुड में खुद को स्थापित करने की उधेड़बुन में लगे रहते हैं उतने ही छोटे अंतराल में एक अदाकारा ने बॉलीवुड में ना सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि लोगों के दिल में बस गईं। उस अदाकारा का नाम था स्मिता पाटिल। अपने करियर के पीक पर संसार को अलविदा कह जाने वाली स्मिता ने बॉलीवुड में बेहद कम समय में अपना नाम लोगों की जुबान पर ला दिया था। आज उनका जन्मदिन है और इस विशेष मौके पर हम आपके बताते हैं स्मिता पाटिल से जुड़े कुछ अनोखे किस्से।

स्मिता का जन्म 17 अक्टूबर 1956 में हुआ था। जिन्हें लोग खूबसूरती की मिसाल समझते हैं उन्हें कभी सिर्फ काली कहकर बुलाया जाता था। ये वो समय था जब स्मिता ने पर्दे पर कदम नहीं रखा था।स्मिता के जन्म के समय उनकी मनमोहक मुस्कान देखकर उनकी मां विद्या ने उनका नाम स्मिता रखा था। वो ही मुस्कान जिसने आगे जलकर बॉलीवुड पर राज किया। पर्दे पर स्मिता ने चाहे जितने भी गंभीर रोल किए हों, लेकिन असल जिंदगी में वो बहुत नटखट और शरारती हुआ करती थी।

कैसे हुई पर्दे पर स्मिता पाटिल की एंट्री (Smita Patil Entry in Bollywood)

फिल्मी पर्दे पर अपनी छाप छोड़ने से पहले स्मिता पूणे में दूरदर्शन में बतौर एंकर काम करती थीं। उन्हें न्यूज होस्ट करने के काम मिला था। उनकी शरारत तो बड़े होने पर भी कम नहीं हुई थी। दरअसल ऑफिस में स्मिता जींस पहन कर आती थीं और शो ऑन एयर होने से पहले वो जींस पर जल्दी से साड़ी बांध लेती और फिर अपने अनोखे अंदाज में एकरिंग करतीं। उनके अंदर के छिपे अभिनय पर नजर पड़ी फिल्ममेकर श्याम बेनेगल की और उन्हें अपनान पहला ब्रेक मिला। स्मिता एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी थीं।

Smita patil

पर्दे पर स्मिता पाटिल का जादू (Smita Ruled Bollywood)

श्याम बेनेगल ने फिल्म चरणदास चोर में स्मिता को पहली बार कास्ट किया। ये फिल्म हबीब तनवीर के प्रसिद्ध नाटक विजयदान देथा नाम की लोककथा पर आधारित थी और इस फिल्म में स्मिता के साथ लालू राम, मदन लाल हबीब तनवीर ने काम किया था। हालांकि उनकी पहली फिल्म घूंघरु थी।इस फिल्म के बाद उन्होंने कई फिल्में की, लेकिन 21 साल की उम्र में ही भूमिका फिल्म ने स्मिता की जिंदगी की भूमिका बांध दी और उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड मिला।

smita patil amitabh bachan

स्मिता  ने ज्यादातर आर्ट फिल्मों में काम किया जिनमें मंथन, आक्रोश, चक्र, चिंदबरम, मिर्च मसाला जैसी फिल्में शामिल हैं। 10 साल के अंदर ही अंदर स्मिता सफलता की उन ऊंचाईयों पर पहुंच गईं जहां हर कोई पहुंच नहीं पाता। उन्होंने 10 साल में हिंदी और मराठी की लगभग 80 फिल्मों में काम किया।सिर्फ आर्ट ही नहीं बल्कि स्मिता ने नमक हलाल, आखिर क्यों और नजराना जैसी शानदार फिल्में की और उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें पद्मश्री पुरुस्कार से नवाजा गया था।उनका अमिताभ के साथ बारिश में फिल्माया गया “आज रपट जाएं….”आज भी लोगों की जबान पर हैं।

यह भी पढ़ें : वो फिल्में जिन्होंने अमिताभ को बनाया बॉलीवुड का शंहशाह

यह भी पढ़ें : सिर्फ पर्दे पर ही नहीं असल जिंदगी में भी इन विलेन से डरने लगे थे लोग

स्मिता पाटिल की जिंदगी में राज( SMITA- RAJ-NADIRA Love Triangle)

स्मिता अपने करियर में धूम मचा रही थीं उस वक्त उनकी जिंदगी में एंट्री हुई राज बब्बर की। राज उन दिनों फिल्मों में एक चमकता सितारा थे जिन पर लड़कियां फिदा थीं। लड़कियां राज की दीवानी थीं और राज फिदा हो गए थे स्मिता पाटिल पर। राज बब्बर स्मिता के प्यार में इस कदर डूब गए कि उन्होंने अपनी पत्नी नादिरा से तलाक लेने का मन बना लिया। जब राज अपने स्ट्रगल के दौर में थे तब उन्हें नादिरा से प्यार हुआ था और उन्होंने 1975 में नादिरा से शादी की थी। उस वक्त राज भी कहां जानते थें कि पर्दे पर लोगों को अपनी मुस्कान से मोहित करने वाली स्मिता उनकी जिंदगी में आ जाएंगी।

smita patil raj babbar love story

फिल्म भीगी पलकें के दौरान राज बब्बर और स्मिता को प्यार हो गया था। वो स्मिता पर मर मिटे थे और अपना पहला प्यार भी भूल चुके थे। दोनों की दीवानगी का आलम ये था कि उन दिनों में ये लिव इन में रहने लगे थे जब इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। राज और स्मिता ने बाद में शादी रचा ली थी।

स्मिता पाटिल की मौत और वो आखिरी ख्वाहिश( Smita Last Wish)

राज बब्बर और स्मिता  की शादी के बाद जब प्रतीक बब्बर का जन्म हुआ तो उसके कुछ पल बाद ही स्मिता ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। बताया जाता है कि उन्हें वायरल इन्फेक्शन की वजह से ब्रेन इन्फेक्शन हुआ था। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि जिस रिश्ते के लिए राज और स्मिता ने समाज की सारे नियम भूला दिए थे  के रिश्ते ही कुछ तनाव में आ गए थे।

Smita patel ki aakhiri khwahish

स्मिता की आखिरी इच्छा भी बड़ी भावनात्मक थी। उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट दीपक से कहा था कि जब मैं मर जाऊंगी तो मुझे सुहागन की तरह तैयार करना। स्मिता की इस ख्वाहिश को पूरा किया गया था और मरने के बाद उनका सुहागिनों की तोरह सोलह ऋंगार किया गया था। निधन के समय स्मिता की उम्र सिर्फ 31 साल थी। उनकी अचानक हुई इस मौत ने पूरे बॉलीवुड को सदमा दे दिया था। आज स्मिता भले ही दुनिया में ना हो, लेकिन बॉलीवुड में दिए गए उनके योगदान को कोई नहीं भुला पाएगा।

Back to top button