अध्यात्म

माता के इस चमत्कारिक मंदिर में मिर्च से होता है हवन, भक्तों की सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

भारत में ऐसे बहुत से मंदिर मौजूद हैं जो अपने चमत्कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है इन चमत्कारों को देख कर लोगों को काफी आश्चर्य होता है परंतु इन मंदिरों के प्रति लोगों का अटूट विश्वास देखा जा सकता है ऐसा हो सकता है कि आप लोग भी किसी ऐसे ही चमत्कारिक मंदिर में दर्शन के लिए गए होंगे और आप उस मंदिर के चमत्कार को देखकर काफी हैरान भी हुए होंगें तब आपके मन में यही विचार आ रहा होगा कि इस अद्भुत चमत्कार के बीच जरूर देवी देवता की शक्ति हो छुपी हुयी हो आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारिक मंदिर के विषय में जानकारी देने वाले हैं जिस मंदिर के अंदर देवी माता का हवन मिर्च से किया जाता है।

जी हां, आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं माता का एक ऐसा मंदिर है जहां पर उनका हवन मिर्च से किया जाता है हिंदू धर्म में माता दुर्गा के 51 शक्ति पीठ है परंतु हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह मां बमलेश्वरी मंदिर है यह मंदिर छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के डोंगरगढ़ में स्थित है, मां बमलेश्वरी मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को हजार से भी अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है वैसे देखा जाए तो इस मंदिर के अंदर पूरे वर्ष ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है परंतु नवरात्रों के दिनों में इस मंदिर की चमक-दमक देखने लायक रहती है।

इस मंदिर के पीछे भी एक कहानी है ऐसा बताया जाता है कि यहां के राजा कामसेन संगीत और कला के बहुत शौकीन थे उनके दरबार में कामकंदला नाम की एक बहुत ही खूबसूरत और अपनी कला में निपुण एक नर्तकी थी उसके साथ जुगत बैठाने वाला एक संगीतकार माधवानल था साथ-साथ रहते-रहते इन दोनों के बीच प्यार का सिलसिला आरंभ हो गया था जब इस बात की खबर राजा को चली तो उसने माधवानल को राज्य से बाहर निकलवा दिया था तब माधवानल ने उज्जैन के राजा विक्रमादित्य से कहा था कि कामकंदला से मिलवाने में उनकी सहायता करें विक्रमादित्य ने राजा कामसेन को संदेश भिजवाया कि वह दोनों प्रेमी युगल को मिलवा दे परंतु कामसेन ने विक्रमादित्य की बात मानने से मना कर दिया जिसकी वजह से दोनों राजाओं के बीच युद्ध छिड़ गया था दोनों ही वीर योद्धा थे और इन दोनों में से एक महाकाल का भक्त था और एक मां विमला का भक्त था दोनों के बीच युद्ध होता देखकर महाकाल और माँ विमला अपने भक्तो की सहायता करने में लग गए थे।

इन दोनों राजाओं के बीच भयंकर युद्ध का रूप लेते देख इनके इष्ट देवताओं ने कामकंदला और माधवानल का मिलन करवा दिया था इसके पश्चात् विक्रमादित्‍य ने माँ विमलेश्वरी से पहाड़ी में प्रतिष्ठित होने की प्रार्थना की थी तभी से यहाँ पर मां बमलेश्‍वरी मंदिर स्थित है।

इस मंदिर के अंदर हवन की विधि बहुत ही अनोखी है यहां पर हवन सामग्री में लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है ऐसा माना जाता है कि लाल मिर्च शत्रुओं को नष्ट करती है इसलिए हवन सामग्री में लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है ताकि जो व्यक्ति हवन करवाता है उसके सभी शत्रु समाप्त हो जाएं अगर आपको अपनी मनोकामना पूरी करनी है तो माता के इस मंदिर में अवश्य जाएं, ऐसा कहा जाता है कि माता रानी इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और सभी भक्तों के कष्ट भी दूर हो जाते हैं।

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