दिलचस्प

ये हैं प्राचीन भारत की 10 विचित्र परंपराएं, जिन्हें आज भी पूरी शिद्दत से पूजा जाता है

भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व के सबसे पुरानी संस्कृतियों में गिना जाता है. प्राचीन समय में कुछ ऐसी परंपरा बन गई थीं जिन्हें आज तक लोग बिना सवाल किये और बिना खास कारण जाने निभा रहे हैं. भारत में ऐसी ही कुछ परंपराएं हैं जिनका आम आदमी के जीवन में प्रमुख स्थान है. इन सबमें ज्यादातर परंपराएं किसी धर्म समुदाय के रीति रिवाजों से जुड़ा हुआ है. भारत में अनेक धर्म रहते हैं और अनेक धर्मों के अलग-अलग रीति-रिवाज बनाए गए हैं और ये रिवाज आज नहीं बल्कि ना जाने कब बहुत ही पुराने समय में बनाए गए थे. उस धर्म को मानने वाले आज भी उऩ परंपराओं के बनाए नियमों पर चल रहे हैं. ये हैं प्राचीन भारत की 10 विचित्र परंपराएं, लोग ऐसी परंपरा को भगवान का आदेश मानकर सदियों से निभाए जा रहे हैं, बिना ये सवाल किये कि आखिर क्यों इन परंपराओं को बनाया गया और इनका क्या मतलब था.

ये हैं प्राचीन भारत की 10 विचित्र परंपराएं

भारत संस्कृति और रीति-रिवाजों का देश है, जिसमें अनेक धर्म और जाति के लोग बसते हैं. सबके अपने भगवान हैं और सबका अपना नियम-कानून है, अब हम आपको उऩ 10 परंपरा के बारे में बताएंगे जो लोग आंख बंद करते निभाते चले आ रहे हैं.

1. भारत में रहने वाली एक जनजाति है जिप्सी. जो मनुष्य के जीवन के अंतिम समय को, जीवन का सबसे खूबसूरत पल मानते हैं. इसके अलावा किसी बच्चे के जन्म को यह जनजाति शोक के रूप में मनाती है.

2. हिमाचल प्रदेश में स्थित एक गांव मनाला के लोग खुद को सिकंदर महान का वंशज मानते हैं. इसलिए वहां की Local Court आज भी Greek System को follow करती है.

3. भारत में अक्सर लड़कियां शादी के बाद अपने पैरों में बिछिया पहनती हैं. ऐसा कहा जाता है कि बिछिया पहनने से उनकी तंत्रिकाओं में दबाव पड़ता है जिसके कारण उनकी प्रजनन शक्ति और स्वास्थ्य के बीच उचित संतुलन बना रहता है.

4. हिन्दू धर्म में सांप को नाग देवता के रूप में पूजा जाता है और लोग सांप को दूध भी पिलाते हैं. जबकि सच्चाई ये है कि सांप कभी दूध नहीं पीता. अगर सांप भूख की वजह से दूध पी भी लेता है तो कुछ समय बाद वो मर जाता है.

दरअसल दूध की वजह से सांप के फेफड़े में इन्फेक्शन हो जाता है जिससे कुछ समय बाद उसके फेफड़े फट जाते हैं और इससे सांप की मृत्यु हो जाती है.

5. केरल और भारत के कुछ गांव में बच्चों को मंदिर की छतों से फेकने की प्रथा है. उनकी ऐसी मान्यता है कि इससे बच्चा दीर्घायु रहता है और वह भविष्य में उन्हें कभी कोई बीमार नहीं होती है.

6. भारत में पहले देवदासी प्रथा का प्रचलन था. इस प्रथा में युवा लड़कियों की मंदिरों में नीलामी की जाती थी. साल 1982 में कर्नाटक में इस प्रथा को बंद कर दिया गया, मगर आज भी ये प्रथा दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में निभाई जा रही है.

7. साल 2004 से भारत में हर चुनाव में अकेले मतदाता के लिए जंगल में अलग से मतदान केंद्र की व्यवस्था की जाती है.

8. भारत में आज भी बारिश कराने के लिए लोग जानवरों की शादी कराने का प्रचलन निभा रहे हैं. कर्नाटक में गधे की, असम और महाराष्ट्र में मेंढक की शादी कराने की प्रथा आज भी प्रचलित है.

9. व्यक्ति का शव जलने के बाद बचे हुए भाग को भारत के अघोरी साधू (बनारस के) खाते में दे दिया जाता है. उनका मानना है कि इस तरह वह गंदे लोगों में शुद्धता खोजने का प्रयास करते हैं.

10. भारत में लम्बी यात्रा पर जाने से पहले वाहन के पहियों के बीच में नीबू रखने की परम्परा है. ऐसा करने की वजह ये है कि उनकी यात्रा सफल रहे.

Back to top button