राजनीति

दीमक हैं बांग्लादेशी घुसपैठिए, सत्ता में आते ही चुन-चुनकर निकलेंगे देश से बाहर: अमित शाह

2019 में होने वाले चुनावों की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने-अपने स्तर पर तेज़ी से काम करना शुरू कर चुकी हैं। भाजपा की बात करें तो वह अपनी सत्ता को बचाने में लगी हुई है, वहीं कांग्रेस पुनः सत्ता में आनें के लिए ज़ोर-शोर से लगी हुई है। दोनों एक-दूसरे के ऊपर कीचड़ उछालने से भी बाज़ नहीं आ रहे हैं। जहाँ एक तरफ़ कांग्रेस भी अब हिंदुत्व का राग अलापने लगी है, वहीं भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

भाजपा के सत्ता में आते ही चुन-चुनकर निकला जाएगा घुसपैठियों को:

राजस्थान के सवाई माधोपुर में शनिवार को एक रैली को सम्बोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को दीमक कह दिया। उन्होंने आगे कहा कि ये दीमक हमारे चुनाव व्यवस्था को खाए जा रहा था, लेकिन हमने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के ज़रिए 40 लाख घुसपैठियों की पहचान कर ली है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पूरे दावे के साथ कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद फिर से भाजपा सत्ता में आएगी। भाजपा सत्ता में आनें के बाद एक-एक घुसपैठियों को चुन-चुनकर मतदाता सूची से बाहर निकालेगी।

अमित शाह ने आगे कहा कि यूपीए को देश की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पहले भाजपा महासचिव राम माधव भी कह चुके हैं कि 1985 में हुए असम शमझौते के तहत एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है। जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी। राम माधव ने कहा था कि एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। इसके बाद अगला क़दम उन्हें मिटाने का होगा।

आपको बता दें यहाँ राम माधव के मिटाने से मतलब मतदाता सूची से प्रवासियों का नाम मिटाने से था। उन्होंने कहा कि नाम मिटाकर उन्हें सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। इसके बाद अगले चरण में सभी अवैध प्रवासियों को भारत से बाहर कर दिया जाएगा। बता दें राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की ड्राफ़्ट सूची 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे। जानकारी के अनुसार इस रजिस्टर में 40,70,707 लोगों के नाम शामिल नहीं थे। इतनी बड़ी सख्य में लोगों के नाम एनआरसी में शामिल नहीं होने की वजह से सियासी बवाल मच गया था।

इसके बाद सरकार की तरफ़ से यह स्पष्टीकरण दिया गया था कि यह मसौदा सूची है और अंतिम सूची अभी आना बाक़ी है। बता दें एनआरसी की अंतिम सूची 31 दिसम्बर 2018 को जारी होनी है। तब तक अंतिम मसौदे में छूटे व्यक्ति अपनी आपत्तियाँ दर्ज करवा सकते हैं। इस समय भाजपा के लिए यह मामला सबसे बड़ा है। इसी वजह से भाजपा लगातार इस मुद्दे पर अपनी पकड़ बनाए हुए है। वहीं कांग्रेस भाजपा के ऊपर राफ़ेल सौदे को लेकर निशाना साधे हुए है। कांग्रेस ने राफ़ेल सौदे को बदलने का आरोप लगाया है।

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