जाली नोटों के चलन को रोकने और काला धन पर अंकुश लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार की रात सभी पुराने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री के इस फैसले से पाकिस्तान को बहुत बड़ा धक्का लगा है।
आपको बता दें इस निर्णय के बाद ही गुप्त सूत्रों से पता चला की पेशावर के एक टकसाल में भारतीय रुपये के जाली नोट बनाये जाते हैं। खासतौर पर 500 और 1000 के नोटों की हूबहू कॉपी करके जाली नोटों का धंधा वहाँ जोरो से चलता है। पाकिस्तना हर साल 70 करोड़ मूल्य के भारतीय रूपये के जाली नोट भारत भेजता है। सरकार के इस कदम से निश्चित तौर पर पाकिस्तान की इस गैरकानूनी गतिविधि पर अंकुश लगाया जा सकता है।
पाकिस्तान को लगा बहुत बड़ा धक्का :
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, खुफिया ब्यूरो और डीआरआई एक साथ चुपके से पिछले छः महीने से छप रही नई मुद्राओं की गुप्त रूप से जाँच की है। हालांकि सरकारी तंत्र ने इसके आगे की जानकारी मीडिया को देने से मना कर दिया है।
पाकिस्तान में जाली नोटों का यह टकसाल पाकिस्तना की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की देखरेख में चलाया जाता है। भारत में जाली नोट वहाँ के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और दाऊद इब्राहीम के चेलों के जरिये भारत में लाये जाते हैं। सरकार के इस कदम से वहाँ के आतंकी संगठनों को अब बहुत बड़ा धक्का लगा है।
पाकिस्तान में नकली नोटों के मुद्रण का काम समाप्त होगा :
इसके अलावा, भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसीयों ने सरकार और रिज़र्व बैंक को सौपीं एक रिपोर्ट में कहा है कि, पाकिस्तान ने ‘शून्य त्रुटि नकली क्षमता’ हासिल कर ली थी। अब उसके यहाँ छपने वाले नकली नोट बिलकुल भारत के असली नोटों की तरह ही दीखते थे। गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि, ‘सरकार के इस कदम से पाकिस्तान में नकली नोटों के मुद्रण का काम समाप्त होगा।‘ अब देखना यह है कि क्या सच में पाकिस्तान में नकली नोटों का यह कारोबार पूरी तरह से ख़त्म हो जाता है।