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इंजिनियर ने रखा बड़े नोट बंद करने का प्रस्ताव, मोदी ने 9 मिनट के बदले दिया 2 घंटे का वक़्त!

मोदी सरकार ने मंगलवार रात से 500 और 1000 के बड़े नोटों के ऊपर प्रतिबन्ध लगा दिया है। अब से ये नोट बाजार में नहीं चलेंगे इनकी जगह 500 के नए नोट और 2000 के नोटों को निकालने की योजना बन गयी है। कुछ ही दिनों में नए नोट बाजार में चलन के लिए आ जायेंगे। अर्थक्रांति संस्थान ने ये दावा किया है कि उन्होंने ऐसा प्रस्ताव राहुल गाँधी और बीजेपी नेताओं के सामने रखा था। संस्थान ने बताया कि उनका एक सदस्य अनिल बोकिल कुछ दिनों पहले मोदी से इस विषय आर चर्चा करने के लिए मिला था। बोकिल को मोदी ने केवल 9 मिनट ही दिए थे लेकिन उनका प्रस्ताव सुनने के बाद उन्हें इसमें रूचि जगने लगी और लगातार 2 घंटे तक इस विषय पर बात की।

 

क्या था प्रस्ताव:

*- आपको बता दें यह संस्थान इंजिनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट की है। इस संस्थान ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि इम्पोर्ट ड्यूटी को छोड़कर सभी 56 तरह के टैक्स को बंद कर देना चाहिए। साथ ही साथ 1000, 500 और 100 के बड़े नोटों पर भी प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।

*- सभी बड़े धन निकासी केवल बैंक से चेक और डीडी की सहायता से होने चाहिए और साथ ही ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी होनी चाहिए।

*- नगद निकासी के लिए एक सीमा निश्चित की जानी चाहिए और इसपर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए।

*- किसी भी सरकार के लिए आय जमा करने के लिए एक ही बैंक नियम होना चाहिए, किसी को दी जाने वाली राशी पर 2% से 0.7% ही टैक्स लगाया जाना चाहिए।

प्रस्ताव के मुख्य बिंदु:

*- वर्तमान समय में हर रोज 2.7 लाख करोड़ रूपये और पुरे साल में 800 लाख करोड़ रूपये बैंक से निकाले जाते हैं।

*- अभी केवल 20% ही धन निकासी बैंक से की जाती है बाकी का 80% नगद निकाला जाता है, जिसे ट्रेस नहीं किया जा सकता है।

*- इस देश की लगभग 78% जनसँख्या हर रोज केवल 20 रूपये में अपना काम चलाती है ऐसे में 1000 रूपये के नोट की क्या जरुरत है।

500 और 1000 के नोट बंद करने से क्या होगा फायदा:

*- इस संस्थान ने सरकार को दिए हुए प्रस्ताव में कहा था कि अगर बड़े नोटों को बंद कर दिया जाता है तो नगद निकासी के कारण जो देश में भ्रष्टाचार फैला हुआ है, उसपर नियंत्रण पाया जा सकता है। जितना भी कला धन है वो सफ़ेद हो जायेगा या तो बर्बाद हो जायेगा। 1000 और 500 के नोट इसके बाद केवल कागज के टुकड़े ही रह जायेंगे।

*- लोग जमीन जायदाद, गहने खरीदने के लिए काले धन का उपयोग करते हैं, जिस वजह से इसकी कीमत ज्यादा होती है। ऐसे में मेहनत से कमाए गए पैसे का कोई मूल्य नहीं रह जाता है। अगर सरकार ऐसा कदम उठाती है तो इसपर लगाम लग जाएगी।

*- आपराधिक घटनाओं जैसे अपहरण, रिश्वतखोरी पर लगाम लग जाएगी, क्योंकि इसके लिए भी नगद भुगतान किया जाता है। इससे आतंकियों को मिलने वाली फंडिंग को भी रोका जा सकता है।

*- जाली नोटों को चलाने वालों को भारी धक्का लगेगा, इससे बाजार में जाली नोटों का चलन बंद हो जायेगा।

क्या फायदा होगा 56 तरह के टैक्स को ख़त्म करने से:

*- नौकरी करने वाले लोगों के पास ज्यादा पैसा होगा और परिवार की खरीदारी क्षमता भी बढ़ेगी।

*- पेट्रोल, डीजल और एफएमसीजी के साथ ही साथ सभी कमोडिटीज सस्ती हो जायेंगी।

*- जब लोगों को टैक्स भरना ही नहीं होगा तो लोग काला धन भी जमा करना बंद कर देंगे।

*- व्यापार क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी और लोगों के पास अपना खुद का रोजगार होगा।

क्या फायदा होगा:

*- इसे लागू करने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि चुनाव में काले धन का इस्तेमाल बंद हो जायेगा और इमानदारी से वोट होगा। उसके बाद जो भी सरकार होगी वह इमानदारी की बदौलत बनी सरकार होगी।

*- बैंकों में आसानी से और सस्ते दर पर लोन उपलब्ध होगा, ब्याज दर में भी कमी आएगी।

*- व्यापार घाटे को पूरा करने के लिए बीफ बाहर भेजने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

*- देश में शोध और विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में धन होगा और गलत कामों में लगने वाले धन पर लगाम लग जाएगी।

राहुल गाँधी ने दिया था केवल 15 सेकेंड का वक़्त:

बोकिल ने बताया कि आज से लगभग डेढ़ साल पहले वह राहुल गाँधी के पास भी यही प्रस्ताव लेकर गए थे। लम्बे समय तक सुरक्षा जाँच के बाद राहुल ने उन्हें केवल 15 सेकेंड का वक़्त दिया था। यहाँ तक की ब्लैक कमांडो ने उन्हें प्रस्ताव की सीडी को भी अन्दर नहीं ले जाने दिया। उस समय राहुल ने सिर्फ इतना ही कहा था कि आप डॉक्टर मोहन गोपाल से मिल लीजिये, पहले हम इसे देखेंगे। उन्हें तो यह भी शक था कि इस तरह का कोई प्रस्ताव भी है? उस समय डॉ. मोहन गोपाल राजीव गाँधी फाउंडेशन के निदेशक थे।

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