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कुशवाहा के खीर वाले बयान से मची सियासी हलचल, जानिए क्या RLSP होगी NDA से बाहर?

2019 का आम चुनाव करीब है, ऐसे में अलग अलग पार्टियों से नए नए सियासी रंग देखने को मिल रहे हैं। ठीक इसी समय केंद्र में मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का बयान आया है कि अगर यदुवंशियों का दूध और कुशवंशियों का चावल मिल जाए तो अच्छी खीर बन सकती है। इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। और माना जा रहा है कि ये 2019 चुनाव के लिए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी का महागठबंधन में जाने के संकेत हैं। कुशवाहा ने ये बयान शनिवार को पटना में हो रहे बीपी मंडल के जंयती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यदि यदुवंशियों का दूध और कुशवंशी का चावल मिल जाए तो खीर बढ़िया होगी। और इस स्वादिष्ट व्यंजन को बनने से कोई रोक नहीं सकता। बताते चलें कि उपेंद्र कुशवाहा केंद्र की मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं। उनके इस बयान के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। और कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एनडीए से बाहर हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह एनडीए के लिए जरूर चिंता का विषय होगा।

कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव को लेकर धीरे धीरे अपनी रणनीति साफ कर रहे हैं। और तुरंत तुरंत वे भाजपा छोड़ने के मूड में नहीं हैं। क्योंकि उनके पास मंत्री पद है। लेकिन माना जा रहा है कि अगर राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के साथ लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा ठीक ठीक हो जाता है तो वे एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में जाने से कतई परहेज नहीं करेंगे।

तेजस्वी यादव ने किया ट्वीट- उधर बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और राजद के नेता तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा के बयान का जवाब देते हुए कहा है कि, ‘निस्संदेह उपेंद्र जी स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है, पंचमेवा के स्वास्थयवर्धक गुण ना केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी उर्जा देते हैं। प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और उर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है।

उपेंद्र कुशवाहा हैं नाराज- बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से नाराज चल रहे हैं, एनडीए में नीतीश कुमार के वापसी से  वे नाराज हैं, नीतीश कुमार की वापसी से गठबंधन में उनका कद कम हो गया है। यह कयास तब से लगाए जा रहे हैं जब जून के महीने में एनडीए की ओर से महाभोज दिया गया था और उसमें उपेंद्र नहीं पहुँचे थे। ये बात भी सामने आई है कि कुशवाहा और नीतीश कुमार की बनती नहीं है।और कुशवाहा कई बार मुख्यमंत्री नीतीश को कुर्सी छोड़ने को कह चुके हैं।

दबाव की राजनीति कर रहे हैं कुशवाहा- भाजपा- उनके इस बयान पर किसी का अधिकारिक बयान तो नहीं आया है मगर भाजपा का मानना है कि कुशवाहा दबाव की राजनीति कर रहे हैं।  और उन्हें लग रहा होगा कि ऐसा करने से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर मौके देगी।

जदयू इस बयान पर भड़की- जदयू ने कहा कि कुशवाहा पहले भी लालू यादव के साथ ऐसे तरीके अपना चुके हैं। लेकिन उन्होंने हमेशा मुंह की खाई है।

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