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इस ग़रीब बाप के बेटे को मिला 70 लाख का पैकेज, कभी पैसे के अभाव में छोड़ी थी पढ़ाई

सही कहते हैं कि अगर आपकी क़िस्मत में राजा बनना लिखा है तो आपको राजा बनने से कोई नहीं रोक सकता है। हालाँकि आपको जीवन में थोड़ी बहुत मुश्किलों का सामना ज़रूर करना पड़ेगा लेकिन आपको कभी ना कभी सफलता ज़रूर ही मिलती है। क़िस्मत के साथ ही व्यक्ति को मेहनत की भी ज़रूरत पड़ती है। क्योंकि क़िस्मत भी उन्ही लोगों का साथ देती है जो मेहनत करते हैं। जो लोग मेहनत नहीं करते हैं, उनकी क़िस्मत भी अच्छी नहीं होती है। क़िस्मत में लिखी हुई चीज़ भी मेहनत के बिना नहीं मिल पाती है।

अगर दिल में हौसला हो तो तूफ़ानों में भी चलकर सफलता पायी जा सकती है। इस कहावत को एक 22 साल के लड़के ने हाल ही में सच करके दिखा दिया है। जी हाँ उसने जो किया है उसके बारे में सुनकर आपको एक बार ख़ुद के कानों पर भी यक़ीन नहीं होगा। आपको बता दें मुहम्मद आमिर अली नाम के एक लड़के ने कुछ ऐसा किया है, जिसके बारे में उसने सपने में भी नहीं सोचा होगा। अमेरिका की एक कम्पनी ने उसे अपने यहाँ 70 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर नौकरी ऑफ़र किया है।

जानकारी के अनुसार जेईई मेन परीक्षा में सफल होने के बाद आमिर का दाख़िला एनएसआइटी में बैचलर ऑफ़ अर्किटेक्ट में हो गया था। लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से दाख़िल नहीं लिया जा सका। 2014 में बारहवीं में फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बॉयोलॉजी पढ़कर 70.8 प्रतिशत अंक लाने वाले आमिर ने एक साल के लिए पढ़ाई छोड़ दिया। अगले साल जमिया में बीटेक और इंजीनियरिंग डिप्लोमा में प्रवेश लिया। वहाँ से आमिर ने 2015-18 तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। अब आमिर को अमेरिका की फ़्रिजन मोटर वर्क्स ने बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम इंजीनियर का पद दिया है।

मेहनत से साधारण कार को बनाया चार्जिंग कार:

जानकारी के अनुसार आमिर मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले का रहने वाला है। वह दिल्ली के जामिया नगर में रहते हैं। आमिर की दिलचस्पी इलेक्ट्रिक विषय में है। आमिर ने जामिया सेंटर फ़ॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के तहत इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट पर काम भी किया था। आपको बता दें आमिर एक ग़रीब परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं। आमिर के पिता शमशाद अली जमिया में इलेक्ट्रिशियन हैं। उन्होंने क़र्ज़ लेकर 40-50 हज़ार रुपए तक की एक मारुति 800 ख़रीदकर आमिर को दी। आमिर ने इस कार को अपनी मेहनत से इलेक्ट्रिक चार्जिंग कार में बदल दिया। इस कार को पिछले साल 29 अक्टूबर को जामिया के स्थापना दिवस पर प्रदर्शित किया गया था।

ईद से ठीक एक दिन पहले आमिर ने दिया अपने पिता को तोहफ़ा:

इस प्रदर्शनी के बाद कार की जानकारी जमिया की वेबसाइट पर भी दी गयी थी। आमिर का बेहतरीन काम देश-विदेश की कम्पनियों की नज़र में आया। बुधवार को ईद के एक दिन पहले ही बेटे से बाप को एक शानदार तोहफ़ा मिल गया। शमशाद अली ने बताया कि उनके बच्चे को बचपन से ही इलेक्ट्रिक उपकरणों से लगाव है और वह उनसे हमेशा इसके बारे में सवाल पूछता रहता था। में कई सवालों के जवाब भी नहीं दे पाता था। मुझे इसकी बहुत ख़ुशी है कि मेरे बेटे को इतना अच्छा प्रस्ताव मिला है।

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