दिलचस्प

मीडीया मनमानी, और कब तक?

अगस्टा डील में मीडीया हाउस द्वारा डकारी गई मोटी रकम कई सवाल खड़े करती है एक आम भारतीय के मन मेंI

 क्या हम सब केवल भेड़ बकरियाँ है जिन्हे ये खबरिया दलाल अपने मन मुताबिक हांकते हैं?

आने वाले दिनों मे किसी News channel पर कोई बहुत कड़ा प्रतिबंध या किसी न्यूज़ रिपोर्टर पर सख़्त कार्यवाही हो जाए तो आश्चर्य मत करना क्योंकि देश दुनिया मे होने वाली घटनाओ को मध्य बिंदु मे रखकर वास्तविक परिस्थिति बताना ही पत्रकारिता को सही मायने परिभाषित करता है ना कि घटनाओ एवं परिस्थिति का आंकलन कर अपनी सोच दूसरों पर थोपनाI पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं की पत्रकारिता मे बरती गई लापरवाही किसी ना किसी कड़े कदम के संकेत दे रही हैI Meggie जैसे बहुराष्ट्रीय उत्पाद पर की गई कार्यवाही भी इस बात को और बल प्रदान कर रही है और भारत मे कई बड़े Channels मे अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से हम सब परिचित हैंI

Presstitutes

रोहतक बस की घटना कोई पुरानी नही है, जिस प्रकार मीडीया ने एक आम भारतीय की भावना का मज़ाक बनाया वह क्या साधारण बात थीI बिना वास्तविकता जाने दो लड़कियों को रातो रात मर्दानी बना दिया जाता है और फिर उनकी छवि को वापस तोड़कर हमे हमे ही नज़रों मे बेवकूफ़ बनाया जाता हैI जाली पत्रकारिता के कारण हम कई बार अपने आप को भावनात्मक रूप से ठगा हुआ सा पाते हैंI

26/11 की घटना मे बरती गई घोर लापरवाही कई मासूमों की जान लील गई थीI बाहर और भीतर होने वाली पल पल की हलचल और भीतर फँसे लोगों के बारे मे आतंकियों को सूचना देने का काम हमारे देश के journalists ने बखूबी अंजाम दिया थाI अब यह जानबूझकर या अंजाने मे हुआ था इस पर टिप्पणी मैं नही कर सकता हूँ लेकिन.. कसाब के साथी पाकिस्तान मे ही नही बल्कि भारत मे भी कहीं मौजूद थेI

Presstitutes

एक मामला था इंद्राणी का, रोज तरह तरह के खुलासे किए जा रहे थे, कभी पिछला झूठ कभी, अगला झूठ, कभी कोई बेटी, कभी कोई मा बन जाती है, पिता बेटे बदल रहे हैं रोज रोज..लेकिन सच यह है कि जो है वह है, इनके द्वारा बार बार इस कहानी को अपने Channels पर चलाने से यह बदल नहीं जाएगाI और सच मीडीया नहीं जाँच agencies ही सामने ला पाएँगीI लेकिन इस मीडीया ने आम इंसान को इस घटना की तरफ नज़रबंद कर लिया था I क्यों नही इस मामले की वास्तविकता आने से पूर्व इस मामले पर रिपोर्टिंग बंद कर देनी चाहिए? बीते दिनों कितने समाचार पत्रों ने भारतीय सेना के 1965 WAR celebration के बारे मे अपने अख़बार के माध्यम से बताया थाI कितने मीडीया Channels ने उस पर कोई कार्यक्रम दिखाया थाI फिर ये लोग देश भक्ति का पाठ हमे सीखते हैंI ये लोग सच बोलते हैं लेकिन किस प्रकार का? नीचे छोटी सी कहानी द्वारा बताता हूँ.. बकरी ने शेर को खा लियाI (हुआ यह था कि बकरी ने कागज उठा कर खा लिया था जिस पर एक शेर लिखा हुआ था) इंद्राणी इंद्राणी इंद्राणी… इनका तो एक ही ईमान एक ही धर्म बन चुका हैI

अब अगर यह संदेह आपके मन में भी है तो बेझिझक Share कीजिए अन्यथा आप भी इंद्राणी इंद्राणी इंद्राणी…कीजिए

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