राजनीति

इस बार अगर युद्ध हुआ तो दुनिया के नक़्शे से गायब हो जायेगे, ये तीन देश !

एक तरफ जहाँ आज पूरे देश में दीवाली की खुशियां मनाई जा रही है . वही कुछ देशों में युद्ध का माहौल छाया हुआ है . जी हां फ़िलहाल तो ये युद्ध के बादल पश्चिमी एशिया में छाये हुए दिखाई दे रहे है . वैसे भी रूस पहले ही सीरिया को लेकर फ्रांस को चेतावनी दे चुका है . पर अब तो इजराइल के रक्षा मंत्री एविगदोर लिबरमैन ने भी धमकी दे दी है. इजराइल का कहना है कि , अगर सीरिया ने फिलस्तीन और लेबनान के साथ मिलकर इज़राइल पर हमला करने की कोशिश की, तो इसके बाद ये देश दुनिया के नक्शे से पूरी तरह गायब हो जाएंगे.

अभी तो फ़िलहाल फिलस्तीनी के एक अखबार अल कुद्स को दिए इंटरव्यू के मुताबिक इजराइल के रक्षा मंत्री एविगदोर लिबरमैन ने कहा कि गाजा पट्टी पर आतंकियों के खिलाफ , जो अगला युद्ध होगा वही निर्णायक और अंतिम युद्ध होगा. इसके बाद ये तीनों देश कभी युद्ध करने की स्थिति में ही नहीं रहेंगे. हम उन्हें पूरी तरह बर्बाद कर देंगे.हालांकि गाजा को लेकर लिबरमैन ने ये भी कहा कि उसका गाजा के खिलाफ नया युद्ध करने का कोई इरादा नहीं है . न ही वो इस युद्ध की पहल करेगा.

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अब गौरतलब की बात ये है कि सीरिया में आईएस के खिलाफ चल रही जंग के बीच इजराइल पर भी काफी दवाब और खतरा मंडरा रहा है. आशंका तो ये भी है कि फिलस्तीन हमास संगठन सीरिया में हो रही जंग का लाभ उठा कर इजराइल पर हमला कर के गाजा पट्टी पर भी कब्जा करने की कोशिश कर सकता है.

इन आशंकाओ के चलते इजरायल के मंत्री ने फिलस्तीन से ये कहा है कि अब वो हमास संग़ठन पर दवाब डाले . ताकि वह इजराइल के खिलाफ जो भी करवाई कर रहे है उससे बच कर रहे . नहीं तो इस बार परिणाम बहुत भयानक होंगे. साथ ही इजराइल के रक्षा मंत्री होने के नाते लिबरमैन ने ये साफ़ कर दिया है कि उसका अपने पड़ोसी गाजापट्टी, लेबनान या सीरिया के खिलाफ कोई नई जंग छेड़ने का इरादा नहीं है . लेकिन वो लोग जो गाजा को इजरायल से अलग करना चाहते हैं, कान खोलकर ये भी सुन ले कि अगर उन्होंने इजरायल के खिलाफ कोई अगला युद्ध किया तो यह उनका अंतिम युद्ध होगा . इसके बाद हम उन्हें पूरी तरह तबाह करके रख देंगे.

इजराइल की इस धमकी के बाद पश्चिमी एशिया में तो अचानक ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. आप को ये भी बता दे कि रक्षा मंत्री लिबरमैन इजराइल की उस सरकार का हिस्सा हैं , जिसे इजरायली इतिहास की सबसे दक्षिण पंथी सरकार मानते है. इस दल का ये मानना है कि इजराइल की सुरक्षा के लिए यदि उन्हें किसी भी हद तक जाना पडे़ तो वह ज़रा सा भी नहीं हिचकिचाएंगे. जब कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन वाली सरकार के कई सदस्य खुले आम फिलस्तीन का विरोध कर रहे हैं.

दूसरी तरफ लिबरमैन सहित कट्टरपंथी दल के सभी सदस्यों का मानना है कि इजराइल और फिलस्तीन के संघर्ष के समाधान का अब एक ही मार्ग है . वो ये है कि यदि दोनों देश शांति से विवादित जमीन की अदलाबदली करने के लिए सहमत हो जाए. इस तरह से बहुत बड़ा युद्ध होने से रोका जा सकता है .

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