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चीन के इस कदम से तीसरे विश्व युद्ध की आहट – आखिर करना क्या चाहता है चीन!

नई दिल्लीः अगले 15 वर्षों में चीन दुनिया का ऐसा देश बन जाएगा जिसके पास परमाणु हथियार बनाने की क्षमता सबसे ज्‍यादा होगी। चीन इस मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा। चीन और पाकिस्‍तान की करीबी अब किसी से छिपी नहीं है इसलिए भारत के लिए यह खबर खासतौर पर चिंताजनक है।   China largest nuclear power.

वर्ल्‍ड न्‍यूक्लियर एसोसिएशन (डब्‍लूयएनए) ने और न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह बात कही गई है कि वर्ष 2020 तक फ्रांस परमाणु क्षमता के लिहाज से दुनिया का दूसरा देश होगा।

परमाणु युद्ध की तैयारी में चीन –

China largest nuclear power

एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए चीन अपनी परमाणु हमला करने में सक्षम पनडुब्बी का सार्वजनिक प्रदर्शन करने जा रहा है। चीन दुनिया का पहला ऐसा देश है जो परमाणु पनडुब्बी का ऐसा खुला प्रदर्शन करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी को सार्वजनिक करने का मकसद दुनिया को अपनी ताकत दिखाना है।

ऐसा भी माना जा रहा है कि इस परमाणु हमला करने में सक्षम पनडुब्बी को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपलब्धियों के प्रतीक के तौर पर भी पेश किया जा रहा है। आपको बता दे कि बहुत जल्द चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का सालाना अधिवेशन होने वाला है जिसमें इस बात पर फैसला होगा कि शी जिनपिंग दोबारा चीन के राष्ट्रपति बनेंगे या नहीं।

 

क्या वाकई में चीन “राष्ट्रवाद” का प्रचार-प्रसार कर रहा है –  

China largest nuclear power

चीन सरकार के इस फैसले को देश में “राष्ट्रवाद” के प्रचार-प्रसार पर दिए जा रहे जोर के तौर पर भी देखा जा रहा है। हाल ही में शी जिनपिंग की तुलना चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग से की गई। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नेतृत्व का ‘प्रमुख’ नियुक्त करते हुए उन्हें उसी तरह का दर्जा प्रदान किया है जो पार्टी के संस्थापक ‘चेयरमैन’ माओ त्से-तुंग का था।

आपको बता दे कि शी जिनपिंग नवंबर, 2012 में पार्टी का नेता और 2013 में राष्ट्रपति एवं सेना का प्रमुख बनने के बाद से एक शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरे हैं। हाल ही में चीन के सरकारी टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री में जिनपिंग के सादगी और कर्मठता की जमकर तारीफ की गई थी।

चीन बना चुका दुनिया का सबसे छोटा परमाणु संयंत्र –

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इससे पहले चीन के शोधकर्तओं ने इतने छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र को विकसित किया है जिसे शिपिंग कंटेनर के अंदर भी फिट किया जा सकता है। चीन ने इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र को दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों के नियंत्रण के लिए विकसित किया है। इस रिएक्टर को आंशिक रूप से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खर्चे पर बनाया गया है।

चीन की परमाणु क्षमता भारत की चिंता बढ़ाएगा –

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वर्ल्‍ड न्‍यूक्लियर एसोसिएशन (डब्‍लूयएनए) ने और न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह बात कही गई कि वर्ष 2020 तक फ्रांस परमाणु क्षमता के लिहाज से दुनिया का दूसरा देश होगा।

डब्‍लूयएनए की डायरेक्‍टर जनरल एजेंटा राइजिंग ने कहा है कि अगले 10 से 15 वर्ष के अंदर चीन प्रदूषण से निबटने के लिए नए रिएक्‍टर्स बनाएगा।

राइजिंग के मुताबिक‍ चीन के लिए इस समय वायु प्रदूषण सबसे बड़ी चिंता का विषय है। राइजिंग ने यह जानकारी न्‍यूक्लियर एनर्जी वीक से अलग हटकर कही।

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