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पीएम मोदी का बड़ा बयान, ‘अंबेडकर को सम्मान हमारी सरकार से ज्यादा किसी ने नहीं दिया’

पीएम मोदी ने बुधवार को एससी एसटी एक्ट में हुए बदलाव पर हो रही राजनीति को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। जी हां, पीएम मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज वे लोग भी इस आंदोलन को सही बता रहे हैं, जिन्होंने कभी इसका सम्मान भी नहीं किया। बता दें कि एससी एसटी आंदोलन को लेकर देशभर में हिंसा हुई तो इस पर राजनीति भी शुरू हो चुकी। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर चुप रहने का आरोप लगाया, तो वही अब पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर जमकर आरोप लगाया। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

जी हां, पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहेब जी के नाम पर सभी राजनीति करते हैं, लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर को जितना मान सम्मान और श्रद्धांजलि हमारी सरकार ने दी है, उतना सम्मान किसी और सरकार ने कभी नहीं दिया, ऐसे में हमारी सरकार पर दलित विरोधी के जो भी आरोप लगाये जाते हैं वो बिल्कुल गलत है। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अंबेडकर को लेकर सियासत करने के बजाय आपको उनके दिखाए गये रास्तों पर चलना चाहिए।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 70 सालों से इन्होंने कभी भी अंबेडकर को सम्मान नहीं किया अब सियासत करने के लिए उनका नाम लेकर दुहाई देते हुए नजर आ रहे हैं। बताते चलें कि पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब एससी एक्ट आंदोलन के तहत केंद्र सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। राहुल गांंधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया था कि इतना सबकुछ हो गया है और पीएम मोदी ने एक शब्द भी नहीं कहा।

याद दिला दें कि दलित आंदोलन के तहत देशभर में हिंसा की खबरों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इतना ही नहीं सरकार भी पूरी तरह से हिल चुकी है। यही वजह है कि आनन फानन में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जा पहुंची, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर स्टे नहीं लगाते हुए दस दिनों का समय दिया है। दस दिनों बाद यह फैसला आएगा कि कोर्ट द्वारा बदले गये नियम सुरक्षित रहेंगे या फिर से एससी एसटी के तहत तुरंत गिरफ्तारी प्रावधान बना रहेगा।

बताते चलें कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान एससी एसटी एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी को रद्द कर दिया था, ऐसे में दलितों का आरोप है कि सरकार ने उनके पक्ष को मजबूती से नहीं रखा, यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट को कमजोर कर दिया है, ऐसे में इसमें मामले में राजनीति भी जमकर हो रही है।

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