समाचार

इराक मुद्दे पर राहुल का आरोप ‘ध्यान भटकाने के लिए डाटा लीक की कहानी बुन रही है सरकार’

इन दिनों  देश में दो बड़े मुद्दे सुर्खियों में है, ऐसे में देश की राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाने से पीछे नहीं हट रही है। बता दें कि इराक में मारे गये भारतीयों के मुद्दे को दबाने का आरोप राहुल गांधी ने बीजेपी पर लगाया है। राहुल गांंधी ने ट्वीट करते हुए बीजेपी को आड़े हाथों तो लिया ही साथ मीडिया पर भी जमकर बरसे। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

मंगलवार सुषमा स्वराज द्वारा 39 भारतीयों की खबर मिलने के बाद से ही देश की सियासत अलग मोड़ पर मुड़ती हुई नजर आई तो वहीं दूसरी तरफ फेसबुक डाटा लीक की खबर ने तो जैसे राजनीति गलियारों में उथल पुथल ला दिया। बता दें कि फेसबुक डाटा लीक खबर पर राजनीति पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाती हुई नजर आ रही है, तो इन सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 39 भारतीयों की मौत के मुद्दो को दबाने के लिए सरकार फेसबुक डाटा लीक की मन गढ़त कहानियां बनाती हुई नजर आ रही है, ताकि विपक्ष सरकार से इस मुद्दे पर जवाब न मांग सके, ऐसे में ध्यान भटकाने के लिए सरकार झूठी अफवाहे फैला रही है। इस दौरान राहुल ने यह भी कहा कि 39 भारतीयों की समस्या पर सरकार ने फेसबुक डाटा लीक के मुद्दे को तेजी से फैलाया,जिसको लेकर मीडिया ने भी पूरी तरह से साथ दिया।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि चार साल पहले इराक में 39 भारतीय को आईएसआईएस ने बंधक बना लिया था, जिसके बाद से ही सरकार उन्हें बचाने का दिलासा जरूर देती हुई नजर आई, लेकिन अंतत: सरकार 39 भारतीयों को बचाने में नाकाम रही, क्योंकि आईएसआईएस ने 39 भारतीयों को मार दिया, जिसकी पुष्टि मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की, जिसके बाद से विपक्ष सरकार पर देश के साथ धोखा करने का आरोप लगाती हुई नजर आ रही है।

याद दिला दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार से पीड़ित परिवारों को मुआवजा के तहत दो करोड़ रूपये  देने की मांग की है। साथ ही विदेश मंत्री से माफी मांगने की भी मांग की है, जिसके लिए कांग्रेस ने राज्यसभा में चर्चा के लिए नोटिस भी भेजा है। बहरहाल, यह मुद्दा किस किस मोड़ पर मुड़ेगा अभी कहना ये गलत होगा। मारे गये भारतीयोंं के परिजन भी सरकार से खफा नजर आ रहे हैं, उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें पहले क्यों नहीं बताया।

Back to top button