समाचार

सपा बसपा की जीत नहीं, बल्कि मोदी-योगी की हार है ये

उपचुनाव के नतीजों को लेकर सपा बसपा जहां एक तरफ फूले नहीं समा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए यह खतरे की घंटी हो सकती है। जी हां, बीजेपी के लिए यहां अब आत्म समीक्षा की जरूरत है, वरना 2019 में ज्यादा दिन बाकी नहीं है। बताते चलें कि जीत से गदगद हुए अखिलेश यादव भले ही इसे अपनी और सहयोगी पार्टियों की जीत बताकर मन ही मन खुश हो रहे हैं, तो यहां अगर सियासी रणनीतियों पर गौर किया जाए तो तस्वीर कुछ और ही बयां करती है। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

जी हां, यूपी की गोरखपुर और फूलपुर की सीट पर बीजेपी को करारी शिकस्त देते हुए अखिलेश यादव ने बहुत खुशी जाहिर की। जाहिर सी बात अखिलेश यहां से अपनी सियासी जमीन को तलाशने की कोशिश में लगे हुए। बता दें कि विधानसभा में हारने के बाद अखिलेश के लिए यह जीत भले ही शांति देती हो, लेकिन इससे 2019 का सपना देखना सरासर गलत होगा, क्योंकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि सालभर दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी को जनता ने हराया नहीं बल्कि सबक सिखाया है।

सपा-बसपा की जीत नहीं, जनता ने दिया है बीजेपी को करारा जवाब

गौरतलब है कि जिस राज्य में साल भर पहले बीजेपी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाती है, ठीक उसी जगह जहां का सासंद देश सूबे का सीएम बना हो, वो भी लगातार पांच बार जीत हासिल कर, ऐसे में वहां बीजेपी का हार जाना, बीजेपी के लिए बड़ा सबक है। जी हां, बीजेपी को विपक्ष ने नहीं, बल्कि जनता ने सबक सिखाया। दरअसल, जनता बीजेपी को विकास के रास्ते पर वापस लाना चाहती है, ऐसे में बीजेपी के लिए ये हार जरूरी था। खैर, यहां गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी के लिए यह सीट साख बचाने जैसा ही था, लेकिन यहां बीजेपी कमजोर हो गई, ऐसे में यह हार मोदी और योगी की है।

दरअसल, ये लड़ाई सपा बसपा और बीजेपी की थी ही नहीं, ये लड़ाई बीजेपी और जनता के बीच की थी। जी हां, बीजेपी ने जिन सपनों को दिखाकर आज देश में अपनी उड़ान भर रही है, उस सपने के आगे उसके काम बहुत छोटे दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में नाराज जनता एक विकल्प की तलाश में थी, जो विकल्प उसे बसपा औऱ सपा के रूप में मिला। यही वजह है कि जनता ने बीजेपी को सबक सिखाने के लिए बीजेपी के दांत खट्टे कर दिये। हालांकि, बीजेपी अपनी हार को जरूर स्वीकार कर रही है, लेकिन वो इस बात को नाकार रही है कि ये हार योगी और मोदी की है।

Back to top button