स्वास्थ्य

अगर किसी व्यक्ति को अचानक आ जाए मिर्गी तो ज़्यादा सोचे बिना करें यह, तुरंत मिलेगी राहत

मिर्गी आने पर करें ये उपाय: आज के समय में बीमारी का कोई भरोसा नहीं है। कभी भी किसी समय कोई व्यक्ति बीमारी का शिकार हो सकता है। बाहर से भले ही कोई देखने में कितना स्वस्थ्य दिखाई दे लेकिन अंदर से वह कितनी बीमारी से ग्रसित होता है, इसका पता ही नहीं चलता है। कुछ बीमारियाँ होती हैं, जिनके बारे में बाहर से देखकर पता चल जाता है, लेकिन कुछ बीमारियों के बारे में तभी पता चलता है, जब वह बीमारी लोगों को सामने से दिखाई देता है।

हर रोज़ चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे हैं शोध:

आज के समय में लोगों की जीवनशैली में तेज़ी से बदलाव हुआ है, इसका नतीजा यह हुआ है कि लोगों के खान-पान में भी काफ़ी बदलाव हुआ है। खान-पान में आए बदलाव की वजह से लोग कई बीमारी से पीड़ित होने लगे हैं। आए दिन नयी-नयी बीमारियों के बारे में पता चल रहा है। चिकित्सा क्षेत्र में विकास की वजह से हर रोज़ नए-नए शोध हो रहे हैं और नयी-नयी बीमारी का पता चल रहा है। हालाँकि आज हम आपको किसी नयी बीमारी के बारे में नहीं बल्कि एक बहुत पुरानी बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं।

जेनेटिक या दिमाग़ पर चोट लगने से होती है मिर्गी:

आज हम आपको जिस बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, उसे मिर्गी कहते हैं। कई लोग जेनेटिक या दिमाग़ में चोट लगने की वजह से इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इसे दिमाग़ से जुड़ी हुई क्रोनिकल बीमारी कहते हैं। जो लोग मिर्गी की समस्या से ग्रसित रहते हैं, उनके शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। लड़खड़ना, बेहोशी आना, चक्कर खाकर गिर पड़ना या हाथ-पाँव में झटके लगना जैसे संकेत आमतौर पर देखे जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति व्यक्ति को अचानक से मिर्गी का झटका आ जाए तो कुछ सावधानी बरतकर रोगी के शरीर को नुक़सान होने से बचाया जा सकता है।

मिर्गी के दौरान ध्यान में रखें महत्वपूर्ण टिप्स:

आज हम आपको एम. वाय. हॉस्पिटल इंदौर की न्यूरोलोजिस्ट डॉक्टर अर्चना वर्मा के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स के बारे में बताने जा रहे जिससे आप मिर्गी के रोगी की अच्छे से देखभाल कर सकते हैं। मिर्गी के रोगी के आस-पास मौजूद लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए।

ध्यान रखें इन बातों का:

*- सबसे पहले मिर्गी के रोगी को पेट के बल करवट लिटा देना चाहिए, इस दौरान ध्यान रखें की रोगी का मुँह नीचे की तरफ़ होना चाहिए।

*- इस बात का ख़ासतौर पर ध्यान रखें की रोगी के मुँह में भूलकर भी ऊँगली या चम्मच नहीं डालना है, इससे रोगी को नुक़सान होता है।

*- जब भी किसी को मिर्गी का झटका आए तो उसे पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। वह जो कर रहा है, करते देने रहना चाहिए।

*- जब भी मिर्गी के रोगी को झटका आए तो उसके आस-पास से नुकीली चीज़ें हटा देना चाहिए। इससे चोट लगने का ख़तरा काम हो जाता है।

*- मिर्गी के रोगियों के सिर के नीचे कोई तकिया या मुलायम चीज़ रख देनी चाहिए, जिससे उनके सिर में चोट ना लग पाए।

*- मिर्गी के रोगी को जितना हो सके खुली हवा में रखना चाहिए, इससे उसे साँस लेने में तकलीफ़ नहीं होती है। ज़्यादा भीड़-भाड़ होने पर उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है।

*- भूलकर भी मिर्गी आने के बाद किसी को मुँह से मुँह लगाकर हवा देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

*- मिर्गी के रोगी के साथ आपको तब तक रहना चाहिए, जबतक उसका दौरा ठीक ना हो जाए। ऐसा हो जाने के बाद ही उसे अकेले में छोड़ना चाहिए।

*- अगर मिर्गी का दौरा आने के बाद व्यक्ति को किसी तरह की चोट लग जाती है तो उसे उस समय कुछ ना करें। जब व्यक्ति सामान्य स्थिति में आ जाए उसके बाद ही उसे नज़दीकी चिकित्सालय में ले जाएँ।

आपको बता दें यह सभी बातें एक ट्रेंड डॉक्टर की सलाह के बाद ही लिखी गयी हैं, अगर इसके बाद भी आपको किसी तरह की शंका हो रही हो तो आप किसी विशेषज्ञ से इसके बारे में पूछ सकते हैं।

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