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इस देश में बनाया गया है दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर, भारत से ले जाए गए थे इतने पत्थर…

नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में सदियों से भगवान की पूजा की परम्परा चलती आ रही है। भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है। यही वजह है कि यहाँ पर आपको सभी धर्मों के लोग और उनसे जुड़े हुए पूजा स्थल मौजूद हैं। लेकिन अभी भी भारत में सबसे ज्यादा हिन्दू आबादी रहती है, इसलिए यहाँ मंदिरों की संख्या सबसे ज्यादा है। मंदिरों के बारे में कहा जाता है कि कुछ मंदिर तो इतने पुराने हैं कि उनके इतिहास के बारे में कोई नहीं जानता है।

माना जा रहा है दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर:

भारत के मंदिर अपनी खूबसूरती और विशेषता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्द हैं। लेकिन जनाब केवल भारत में ही नहीं दुनिया के लगभग हर देश में आपको कुछ ना कुछ हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग मिल जायेंगे। इसी वजह से दुनिया के लगभग सभी देशों में (कुछ देशों को छोड़कर) में आपको हिन्दू मंदिर देखने को मिल जायेंगे। एशिया में ही कई ऐसे देश हैं, जहाँ भले ही हिन्दू धर्म को कोई नहीं मानता हो लेकिन वहां पर हिन्दू मंदिर प्राचीनकाल से स्थित हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है।

पूरी दुनिया में स्थित है इस समुदाय के मंदिर:

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अबू धाबी के दौरे पर जा रहे हैं। यहाँ पर वो पहले हिन्दू मंदिर की आधार शिला रखने वाले हैं। इस मंदिर के निर्माण और रख-रखाव का जिम्मा स्वामी नारायण संस्था को सौंपा गया है। आपको जानकार काफी हैरानी होगी कि इस समुदाय के मंदिर पूरी दुनिया में स्थित हैं। अमेरिका के न्यूजर्सी में बनाया गया मंदिर भारत का बाहर बना हुआ सबसे बड़ा मंदिर है। इसके एरिया के हिसाब से इसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है। आपको बता दें इस मंदिर के निर्माण में 13499 पत्थर लगे थे जिन्हें भारत से भेजा गया था।

मंदिर का निर्माण किया गया है शिल्पशास्त्र के अनुसार:

यह प्रसिद्द मंदिर न्यूजर्सी के रॉबिन्सविले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था ने करवाया है। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 1 हजार करोड़ रूपये की लागत आई थी। यह मंदिर 162 एकड़ में फैला हुआ है। इसे विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर कहा जाता है। मंदिर की लम्बाई 134 फुट और चौड़ाई 87 फुट है। इस मंदिर में 108 खम्बे और तीन गर्भगृह बनाए गए हैं। इस मंदिर का निर्माण शिल्पशास्त्र के अनुसार किया गया है। इस मंदिर के निर्माण में 68 हजार क्यूबिक फुट इटालियन करार मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर के कलात्मक डिजाईन के लिए 13499 पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

हजारों सालों तक ऐसे ही खड़ा रहेगा मंदिर:

पत्थरों पर नक्काशी का काम भारत के अन्दर ही करवाया गया है। जब पत्थरों पर नक्काशी का काम हो गया तो उन्हें समुद्र के रस्ते न्यूजर्सी ले जाया गया था। अमेरिकी जर्नलिस्ट स्टीव ट्रेडर के अनुसार, इस मंदिर के इंटीरियर के अलावा इसका आउटर इस तरह से तैयार किया गया है कि यह मंदिर हजारों सालों तक ऐसे ही टिका रहेगा। अक्षरधाम मंदिर अमेरिका के कई इलाकों में बने हुए हैं। अमेरिका के एटलांटा, ह्यूस्टन, शिकागो, लॉस एंजिलिस के साथ ही कनाडा के टोरंटों में भी अक्षरधाम मंदिर बनाया गया है।

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