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जानिये इजराइल के बारे में वह रोचक तथ्य जो आप ने कभी नहीं सुने होंगे ……. यकीनन आप दंग रह जाएंगे

ईसा मसीह को कौन नहीं जनता है, उन्होंने गरीबों और दुखियों का दुःख दूर किया। उनका जन्म बेथलहम के एक चरवाहे के घर हुआ था। वह गगील झील के पास रहते थे और उन्हें येरुशलम के पास सूली पर लटका दिया गया था। कहा जाता है कि सूली पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद वह फिर से जिन्दा हो गए। आज इसा मसीह की कर्मभूमि इजराइल के नाम से जनि जाती है, आज हम आपको बता रहें हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जिसे आप शायद ही जानते होंगे।

ईसा मसीह की कर्मभूमि

गगील झील:

इसाई धर्म मानने वालों के लिए यह नदी पवित्र हैं, क्योंकि इस नदी से यीशु के जीवन की बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं जुड़ी हुई हैं। ख़ास तौर से तबगा क्षेत्र जहाँ पर यीशु ने एक रोटी को कई भागों में बाँटकर सैकड़ों लोगों का पेट भरा था। यीशु ने अपना पहला उपदेश माउंट ऑफ़ बीटीच्यूड्स पर दिया था। यह सभी जगहें गगील झील के आस- पास ही हैं।

ईसा मसीह की कर्मभूमि

जन्मस्थली:

इसा मसीह का जन्म चर्च ऑफ़ नेटिविटी में हुआ था। जिस गुफा में उनका जन्म हुआ था वह चर्च के निचले हिस्से में हैं। जन्म के बाद यीशु को जिस जगह पर लिटाया गया था, वहाँ पर 14 कोनों वाला एक सितारा बनाया गया है।

ईसा मसीह की कर्मभूमि

आशीर्वाद चर्च:

यह चर्च आशीर्वाद पर्वत पर स्थित है जहाँ से गगील झील का खूबसूरत नज़ारा दिखता है। यहाँ के शांत वातावरण में लोग बैठकर बाइबिल पढ़ते हैं और यीशु को याद करते हैं।

ईसा मसीह की कर्मभूमि

सेंट जॉर्ज मठ:

सीरिया के पाँच सन्यासियों ने मिलकर इस मठ की स्थापना 420 ईसवी में चट्टान के ठीक बीच में की थी। इससे पहले सन्यासी गुफाओं में रहते थे। मठ आज जिस स्थिति में है उसे 20वीं सताब्दी में बनाया गया था।

ईसा मसीह की कर्मभूमि
मरहम की चट्टान:

यह ईसाईयों के लिए बहुत ही पवित्र जगह हैं। बाइबिल के अनुसार ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाये जाने के बाद इसी जगह पर मरहम लगाया गया था।

ईसा मसीह की कर्मभूमि

हेब्रॉन का ऐतिहासिक शहर:

हेब्रॉन शहर 3000 साल पुराना है, यह वेस्टबैंक में स्थित है। इसके कई शहरों की चर्चा बाइबिल में की गई है। इजराइल और फिलिस्तीन का समझौता इसी शहर में हुआ था, समझौते में इस शहर को बाँटने की बात की गई थी।

बच्चों का स्मारक:

याद वासेम में येरुशलम में नाज़ी नरसंहार के वक़्त मरे गए यहूदी लोगों का स्मारक है। 1987 में जनसंहार में मारे गए बच्चों के लिए अलग से स्मारक बनाया गया। वहाँ के टूटे हुए पत्थर नाज़ियों के क्रूरता की कहानी कहते हैं।

ईसा मसीह की कर्मभूमि

टेम्पल माउंट:

पक्षिमी दीवार के ठीक बाद येरुशलम में टेम्पल माउंट स्थित है। यह पूरी दुनियाँ का सबसे पवित्र और सबसे विवादास्पद जगहों में से एक है। पहले पर्वत के ऊपर सुलैमानी मन्दिर था, आज उस जगह पर रॉक डोम है। इस्लाम धर्म की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद अल-अक्सा यहीं पर स्थित है।

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