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जब भी कोई छुए आपके पैर तो बिना देर किये तुरंत करें ये काम, वर्ना लगेगा दोष

भारत एक सांस्कृतिक और पारम्परिक देश है। यहाँ सदियों से कुछ संस्कृतियों और परम्पराओं का पालन किया जा रहा है। भारत की यही संस्कृति और परम्परा इसे अन्य देशों से अलग बनाती है। भारत की संस्कृति और परम्परा से आकर्षित होकर कई देशों के लोग भारत में घुमने के लिए आते हैं। कई लोगों को यहाँ की संस्कृति और परम्परा इतनी अच्छी लगती है कि वो यही के होकर रह जाते हैं। वह अपने जीवन को इन्ही परम्पराओं के अनुसार जीने लगते हैं।

भारत में बड़े-बुजुर्गों को बड़े सम्मान की दृष्टि से देखने की बात की जाती है। यहाँ बड़े लोगों को सम्मान देने के लिए भी कहा जाता है। सदियों से यहाँ अपने से बड़े लोगों का सम्मान उनका पैर छूकर किया जाता है। सदियों से चली आ रही इस परम्परा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। जब भी हम अपने किसी बड़े प्रियजन या किसी विद्वान व्यक्ति से मिलते हैं, तो बिना झिझके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद भगवान के आशीर्वाद की तरह होता है।

भारत में ही नहीं बल्कि यह परम्परा नेपाल में भी निभायी जाती है। बड़ों से मिलने के बाद पैर छूने के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन लेकिन जब हमारे पैर कोई छुए तो क्या करना चाहिए, आज हम इसके बारे में बात करेंगे। आज भी लोग पैर छूने की परम्परा का पालन करते हैं। इसका धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। ऐसा कहा जाता है कि जब भी कोई व्यक्ति हमारे पैर छुए तोउसे तुरंत आशीर्वाद तो देना ही चाहिए, साथ ही अपने इष्टदेव या भगवान को भी याद करना चाहिए।

साधारण तौर पर लोग इस बात का खूब ध्यान रखते हैं कि उनका पैर किसी से ना छुए। शास्त्रों में इसे अशुभ कर्म की संज्ञा दी गयी है। जब कोई व्यक्ति हमारे पैरों को छूता है तो इससे दोष लगता है। इस दोष से बचने के लिए अपने मन में ही व्यक्ति को भगवान से क्षमा मांगनी चाहिए। हिन्दू धर्म शास्त्रों में लिखा गया है-

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।

यानी जो व्यक्ति बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में उनके चरण स्पर्श करता है, उसकी उम्र, विद्या, यश और शक्ति में वृद्धि होती है।

जब भी कोई व्यक्ति आपके पैर छुए तो उसी समय बिना देरी किये भगवान का नाम ले लेना चाहिए। इससे पैर छूने वाले व्यक्ति को सकारात्मक फल मिलता है। आशीर्वाद देने से पैर छूने वाले व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं ख़त्म हो जाती हैं। उसकी उम्र बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है। जीवन में जो भी हमने अच्छे कर्म किये हैं, उसका शुभ फल हमारे पैर छूने वाले व्यक्ति को भी मिलते हैं। जब भी कोई व्यक्ति भगवान का स्मरण करते हुए किसी को सच्चे मन से आशीर्वाद देता है तो उसका सकारात्मक फल अवश्य भी मिलता है। किसी के बारे में अच्छा सोचने पर भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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