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ओवैसी को लेकर कांग्रेस ने दिया बड़ा बयान ‘बीजेपी के गुप्त ऐजेंट है मुस्लिमों के मसीहा’

कर्नाटक: प्रदेश में चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं। जी हां, आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई का भी आगमन हो चुका है। बता दें कि प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को डर है कि कहीं उसके हाथ से कर्नाटक भी न निकल जाए, ऐसे में कांग्रेस नेता बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में खास क्या है?

कर्नाटक चुनाव को लेकर कांग्रेस न सिर्फ रणनीति तैयार कर रही है, बल्कि बीजेपी पर जमकर निशाना भी साध रही है। कर्नाटक में अल्पसमुदाय कांग्रेस का वोट बैंक है, ऐसे में चुनाव से पहले से शायद कांग्रेस को बीजेपी के साथ साथ ओवैसी का भी डर सताने लगा है। जी हां, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने ओवैसी को बीजेपी का गुप्त ऐजेंट करार दिया है। दरअसल, कांग्रेस कर्नाटक में किसी भी तरह अपनी सत्ता को बचाना चाहती है।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने यहां तक आरोप लगा दिया है कि बीजेपी और एआईएमआईएम के बीच कांग्रेस को हराने के लिए सीक्रेट डील हुई है, जिसकी वजह से ओवैसी बीजेपी के गुप्त ऐजेंट है। कर्नाटक की कांग्रेस के नेता से लेकर सीएम तक कई बार ये कह चुके हैं कि बीजेपी और ओवैसी के बीच हैदराबाद में एक गुप्त बैठक भी हुई है। कांग्रेस ने आगे कहा कि बीजेपी और ओवैसी के बीच लगभग 50 ऐसी सीटों पर उम्मीदवार उतरने का फैसला हुआ है, जहां अल्पसंख्यक वोट ज्यादा है, जिससे कांंग्रेस के वोट को कम किया जा सके।

बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक को जीतने के लिए ओवैसी ने बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने की सहमति जताई है, जो ओछी राजनीति को दर्शाता है। बता दें कि कांग्रेस ने ये भी कहा कि दोनों ने सिर्फ कांग्रेस की राह मुश्किल करने के लिए हाथ मिलाया है, लेकिन हम डटकर मुकाबला करेंगे। कर्नाटक के सीएम सिद्धारामैय्या ने ओवैसी पर आरोप लगाया है कि ओवैसी जो कि खुद को मुस्लिमों का मसीहा मानते है, वो असल में बीजेपी के एजेंट हैं, जिन्होंने यूपी और महाराष्ट्र में बीजेपी को मदद की थी, इतना ही नहीं अब वो कर्नाटक में भी बीजेपी का साथ निभाने की तैयारी कर चुके हैं। कांग्रेस ने आगे कहा कि कांग्रेस का वोट बैंक कम करने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक गिर सकती है।

बहरहाल, कर्नाटक में चुनाव मई में होने की संभावना है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपनी सत्ता को बचा पाएगी या बीजेपी कर्नाटक को फतेह करने में कामयाब होगी। खैर, ये तो वक्त ही बताएगा।

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