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छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर भी लटकी विधायकों की सदस्यता को खारिज करने की तलवार

छत्तीसगढ़: दिल्ली की आम आदमी पार्टी के बाद अब छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर भी विधायकों की सदस्यता को खारिज करने की तलवार लटकी है। जी हां, दिल्ली के विधायकों की तो सदस्यता तो खारिज हो गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी के विधायकों की सदस्यता को लेकर सुनवाई मंगलवार को होगी। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में खास क्या है?

छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर बड़ी मुसीबत आ सकती है। जी हां, अगर फैसला बीजेपी के पक्ष में नहीं आया तो छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार चुनाव से पहले ही  गिर सकती है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में चुनाव साल के आखिरी में है। याद दिला दें कि छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिवों के मामले में चार याचिकाएं दायर की गई थीं, इन याचिकाओं में यह कहा गया है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति संवैधानिक नहीं है, फिलहाल इस मामलें में हाईकोर्ट ने संसदीय सचिवोंं की पॉवर को सीज करने का अधिकार दिया है। मतलब साफ है कि उन विधायकों से पॉवर छीन ली गई है, जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई है।

याद दिला देंं कि हाल ही में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों लाभ का पद देने के मामले में चुनाव आयोग ने विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी, ऐसे में अब सबकी नजरें छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि अगर दिल्ली का इतिहास छत्तीसगढ़ में दोहराया जाता है,तो बीजेपी सरकार के सामने संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है, जोकि सरकार की छवि को कम भी कर सकता है।

छत्तीसगढ़ की विधानसभा में बहुमत के लिए 45 सीटों की जरूरत होती है, ऐसे में अगर बीजेपी के 11 विधायकों की सदस्यता खारिज होती है तो बीजेपी के पास सिर्फ 38 विधायक ही बचेंगे, जिससे सरकार गिरने की नौबत जाएगी। हालांकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा से संसदीय सचिव मामले पर 2007 में कानून पास किया गया था, जिसकी वजह से ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के विधायको की सदस्यता खारिज नहीं हो सकती है। याद दिला दें कि मामलें  में कोर्ट मंगलवार की दोपहर तक सुनवाई कर सकता  है।

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