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संविधान बचाओं यात्रा में शामिल हुए जेडीयू के बागी नेता, 2019 की तैयारी में जुटा विपक्ष

मुंबई:  जहां एक तरफ देश गणतंत्र दिवस मना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने संविधान बचाओ की यात्रा रैली निकाली। बता दें कि इस यात्रा में सभी विपक्ष पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की है। हालांकि, इस रैली में विपक्ष के किसी बड़े नेता ने शिरकत नहीं किया। आइये जानते हैं कि हमारी इस रिपोर्ट में क्या?

संविधान बचाओ यात्रा में शरद पवार, उमर अब्दुल्ला, हार्दिक पटेल, प्रफुल्ल पटेल, अशोक चव्हाण, शरद यादव, दिनेश द्विवेदी, अजीत पवार, राम जेठमलानी, सुप्रिया सुले, डी. राजा, सुशील कुमार शिंदे, डीपी त्रिपाठी ने हिस्सा लिया। बता दें कि जेडयू के बागी नेता ने शरद यादव ने भी शिरकत किया। जी हां, नेताओं को देखा जाए तो रैली में कांग्रेस पार्टी के नेताओं की संख्या बहुतायत में है, लेकिन यात्रा में पूरा विपक्ष एकजुट दिखा, जिसके बाद से ही ये आशंकाएं जताई जा रही है कि विपक्ष आगामी लोकसभा की तैयारी में जुटा है।

लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद इस यात्रा में आरजेडी का प्रतिनिधित्व करने जेठमलानी पहुंचे। अब आपके मन में ये सवाल खड़ा हो रहा होगा कि आखिर इस विपक्ष ने रैली को आयोजित क्यों किया, इसके पीछे की वजह क्या है? तो चलिए आगे हम आपको इस रैली के पीछे की वजह से बताते हैं?

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि आज समानता का अधिकार खतरें में है, ऐसे में समानता को बचाने के लिए हमें एक साथ संविधान को बचाना होगा, इसीलिए हमने इस रैली का आयोजन किया। माकपा नेता येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि हमने 68 वर्ष पहले इसी दिन अपने संविधान को अपनाया था, जिसका मूलभूत सिद्धांत- समानता का अधिकार है, जो आज गंभीर खतरे में है, हमें आज समानता और भाईचारे के स्तरों से परे जाने की जरूरत है, न कि पीछे जाने की, ऐसे में हमने इस रैली का आयोजन किया है। भले ही विपक्ष इसे एकता की रैली बता रहा हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि विपक्ष आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने रणनीति बना रहा है।

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