समाचार

प्रेम विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार, जानियें क्या है पूरा मांजरा?

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई है। दरअसल, इस बार सुप्रीम कोर्ट ने युवाओं से जुड़े हुए एक संगीन मामलें मे सरकार को फटकार लगाई हैं। तो चलिए देखते है कि आखिर मांजरा क्या है? बता दें कि देश में प्रेम विवाह को लेकर ढेर सारी परेशानियां है। परेशानियों तक तो बात सही है लेकिन प्रेम विवाह में खून खराबा भी होता है, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने मामलें दखल दिया है।

जैसा कि हम सभी जानते है कि भारत में आज भी प्रेम विवाह को सही नजरिये से नहीं देखा जाता है। यही कारण है कि प्रेमी युगल किसी अपराध का शिकार हो जाते हैंँ। कभी कभी उन्हें अपने ही परिवार जनों का भी शिकार होना पड़ता है तो कभी कभी समाज में प्रचलित खाक पंचायतों से भी निपटना पड़ता है। ऐसे में ऑनर किलिंग जैसा मामला सामने आता है। बताते चले कि यह मामला कोई नया नहीं है, बल्कि देश में प्रेमी युगल के साथ अक्सर यही बर्ताव होता आया है।

supreme court on love marriage

दरअसल, भारतीय समाज में किसी दूसरी जाति या धर्म के साथ विवाह करना आज भी अपराध के नजरिये से ही देखा जाता है। समाज में इसे मान्यता नहीं मिली है, बल्कि ऐसा करने वालों को समाज से बेदखल भी कर दिया जाता है। जोकि नये भारत के विकास के नजरिये से कतई सही नहीं है।

supreme court on love marriage

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामलें को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत राज्य सरकार को भी फटकार लगाई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी बालिग को प्रेम विवाह से रोका नहीं जा सकता है। साथ ही अपने इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि माता-पिता या समाज को यह अधिकार नही है कि बालिग को विवाह करने से रोक सकें। केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि जल्दी ही मामलें में कड़े कदम उठाए वरना कोर्ट ही इस पर कोई निर्णय लेगा।

बता दें कि भारतीय कानून के अनुसार कोई बालिग अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी जाति या धर्म में विवाह कर सकता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज भी लोग इस कानून को दरकिनार करते हुए अपनी झूठी शान के लिए प्रेमी युगल को मौत के घाट उतार देते हैं। साथ ही आपको यह भी बता दें कि कोर्ट इस मामलें दो हफ्तों के बाद फिर से सुनवाई करेगा।

Back to top button