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एक बार चालान काटने के बाद दोबारा चालान नहीं काट सकती पुलिस, जानिए अपने अधिकार

पुलिस को देखकर अपराधी भले न डरे लेकिन आम आदमी के लिए खाकीधारी का खौफ हमेशा रहता है। ऐसे में कई बार सही होने के बाद भी पुलिस कर्मी आम आदमी को परेशान करने से बाज नहीं आते। ऐसे में अगर आप जागरुक हैं, और आपको अपने अधिकारों के बारे में जानकारी है तो पुलिस भी आप पर ज्यादती नहीं कर पाएगी। क्योंकि आप पुलिस कर्मियों से अपने अधिकार के मुताबिक सवाल पूछसकते हैं। साथ ही आप अपने संविधान में प्रदत अधिकारों की मदद भी ले सकते हैं। यदि आपके बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं तो आप उनकी सुरक्षा इंतजाम के लिए भी कॉल कर सकते हैं। आज हम पुलिस से जुड़े कुछ ऐसे ही नियम आपको बताने जा रहे हैं, जो आपके काम आएंगे।

अरेस्ट करे तो आप साइलेंट रह सकते हैं

पुलिस कभी आपको अरेस्ट करती है तो आप शांत रह सकते हैं। आप सिर्फ पुलिस को अपना नाम और बेसिक इन्फॉर्मेशन दें। बाकी किसी भी बात के लिए आप वकील की मदद ले सकते हैं। पुलिस आप से जबरन पूछताछ भी नहीं कर सकती। ऐसी स्थिति में आप कह सकते हैं कि मैं अपने वकील से बात करना चाहता हूं। इसके बाद पुलिस आप से सवाल करना बंद कर देगी। पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद आपको रिश्तेदार, वकील से कॉल कर बात कर सकते हैं।

दिन डूबने के बाद महिला की अरेस्टिंग नहीं

महिला अपराधी को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त  के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही एक महिला की तलाशी केवल एक महिला पुलिसकर्मी ही ले सकती है। इसके साथ ही महिला को गिरफ्तार करने के लिए महिला पुलिस कर्मी का होना अति आवश्यक है। साथ ही थाने की हवालात में रखने की स्थिति में महिला के साथ उसके महिला पुलिस कर्मी का रहना जरूरी है।

पुलिस सार्वजनिक नहीं कर सकती महिला की पहचान

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अगर किसी महिला पर कोई आरोप लगा है या रेप हुआ है तो उसे अपनी पहचान छुपाने का अधिकार है। चाहे वह पुलिस हो या फिर मीडिया, अगर वह महिला की पहचान सार्वजनिक करता है तो वह कानूनी अपराध होगा। पुलिस उसका चेहरा सार्वजनिक नहीं कर सकती है।

प्रेमी जोड़े रह सकते हैं लिव इन रिलेशनशिप में

प्रेमी जोड़ों के लिए भी कानून बना हुआ है। लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कोई अपराध नहीं है। भारतीय कानून के तहत लिव-इन रिलेशनशिप पूरी तरह से वैध है। साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए अगर बच्चे का जन्म होता है तो उसका माता-पिता की प्रॉपर्टी पर पूरा-पूरा अधिकार होगा।

बार- बार नहीं होगा चालान

ट्रैफिक नियमों के अनुसार नियम तोड़ने पर एक दिन में एक ही बार आपका चालान कटेगा, बार-बार नहीं। जैसे अगर हेलमेट न पहनने के लिए आपका एक बार चालान कट गया है तो फिर पूरे दिन में कोई दूसरा ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आपका चालान नहीं काट सकता है और न ही आपसे जुर्माना ले सकता है।

पुलिस अधिकारी हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं

पुलिस एक्ट के अनुसार राज्य का पुलिस अधिकारी हमेशा ड्यूटी पर रहेगा। अगर राज्य के किसी भी कोने में आधी रात में कोई घटना या अपराध होता हैं तो पुलिस अधिकारी यह नहीं बोल सकता की वो ड्यूटी पर नहीं है, क्योंकि भारतीय पुलिस एक्ट के अनुसार एक पुलिस वाला बिना वर्दी के भी ड्यूटी पर होता है।

बिना पूछे आपके घर नहीं घुस सकती पुलिस

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अगर आपके घर पुलिस अचानकर पहुंच जाती है, और घर में घुसने का प्रयास करती है तो आप उसे रोक सकते हैं। क्योंकि बिना परमिशन के पुलिस आपके घर में नहीं घुस सकती। घर में आने वाली पुलिस से आप वारंट दिखाने की मांग कर सकते हैं। हालांकि विशेष परिस्थितियों में पुलिस को घर में आकर जांच का अधिकार है। पुलिस को ऐसा लगता है कि कोई संदिग्ध चीज है जिसका प्रमाण के तौर पर उपयोग किया जा सकता है तो वे जांच कर सकते हैं। जैसे कोई अपराधी आपके घर में छुपकर बैठा है, तब भी पुलिस बिना वारंट के घर की तलाशी ले सकती है।

नॉन इमरजेंसी केस में दिखाना होगा वारंट

कुछ मामलें ऐसे हैं, जिनमें पुलिस नॉन इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों में है। तो पुलिस को पहले वारंट दिखाना होगा। जैसे किसी पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है या कुछ सामान चुराने का आरोप है, या घर में अवैध हथियार रखने का आरोप हैं तो पुलिस घर में तलाशी लेने के लिए नहीं घुस सकती है। उसे पहले मजिस्ट्रेट का वारंट दिखाना होगा। इसके बाद ही पुलिस घर में घुस सकती है। किसी केस से रिलेटेड पूछताछ करनी है तो पुलिस आपके बुलाने पर ही घर में आ सकती है।

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