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अमेरिकी सेना में कमांडर बनी भारत की ये बेटी.. खूंखार आतंकियों को पहुंचा रही है 72 हूरों के पास

लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है जब-जब लड़कियों को मौका मिला है उन्होंने आगे बढ़कर हर क्षेत्र में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है चाहे ओलंपिक हो या सेना लड़कियां हर फिल्ड में देश का नाम रोशन करने का जज्बा रखती हैं। आज हम आपको देश की एक ऐसी ही बेटी से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिसने अमेरिका की सेना में शामिल होकर भारत का मान बढ़ाया है और सबके लिए जांंबाजी की मिसाल बनी है। रणबीर कौर भारतीय मूल की पहली सिख युवती हैं, जो अमेरिकी सेना में हैं और आतंकियों से लोहा ले रही हैं।

रणबीर कौर भारत के पंजाब राज्य से संबंध रखती हैं। रणबीर कौर का जन्म पंजाब के जालंधर के गांव निज्जरन में हुआ था। उनके अमेरिका तक पहुंचने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। रणबीर कौर सात साल की आयु में 1990 में पिता महान सिंह को मिले ग्रीन कार्ड के बाद अमेरिका पहुंचीं जहां उन का बचपन कैलिफोर्निया के अर्लीमार्ट नामक शहर में गुजरा और यहीं से उन्होंने अपने पढ़ाई पूरी की। अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है, ऐसे में उसकी सेना में शामिल होना अपने आप में एक गर्व की बात है। रणबीर कौर भारतीय मूल की पहली सिख युवती है, जो 2003 में अमेरिकी सेना में शामिल हुईं थी। अब वो कमांडर बन गईं हैं।

भारत में कई जगह लड़कियों को पुरुषवादी मानसिकता के चलते घर से बाहर निकलने तक की इजाजत नहीं मिलती। ऐसे में बहुत सी लड़कियां ऐसी है जिनकी प्रतिभा दबी रह जाती है और उनका संसार महज चूल्हे तक सिमट जाता है, लेकिन इसी तरह की धारणाओं को तोड़कर समाज के सामने रणबीर कौर एक मिशाल बनीं है और उन सभी लोगों के लिए एक उदाहरण हैं, जो बेटी को अभिशाप समझते हैं। रणबीर कौर को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा तब जाकर वह है अमेरिकी सेना में भर्ती हुई। रणवीर को इस सेना में शामिल होने के लिए सख्त ट्रेनिंग लेनी पड़ी। रणबीर कौर ने अमेरिका में रंगभेद समेत कई बाधाओं का सामना किया। उन्हें अपने रंग और अलग होने के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अमेरिका की आर्मी में शामिल होने की कोशिशों को यूएस नागरिकता हासिल करने से भी जोड़ा गया और उसका मजाक भी उड़ाया गया। लेकिन रणबीर कौर ने कभी हार नहीं मानी।

रणबीर कौर ने कई कठिन मिशन और रेस्क्यू ऑपरेशनों में अपने साहस का परिचय दिया। उन्होंने अमेरिकी सैन्य इतिहास के सबसे कठिन मिशन माने जाने वाले अफगानिस्तान और इराक में यूएस आर्मी की ओर से भी हिस्सा लिया। इराक मिशन के दौरान वे घायल भी हुई जिसकेे बाद घायल अवस्था में उन्हें अमेरिका वापस भेजा गया। पूरी तरह से ठीक होने के बाद ने रणबीर कौर ने इराक में वापस अपनी यूनिट को ज्वाइन किया और इराक मिशन में अपने मजबूत इरादों और हौसलों से आतंकवादियों का डटकर मुकाबला किया। इसके अलावा 2005 में अमेरिका में आए भयानक कैटरीना तूफान में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उन्होंने गुरुद्वारे के आसपास के कई लोगों की जान बचाई, साथ ही तूफान में तबाह हुए गुरुद्वारे से धार्मिक गुरु ग्रंथ साहिब को सही सलामत निकाल पाने में कामयाब रहीं।

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