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एक्स पीएम अटल जी की बहु ढो रही हैं पानी, ऐसी स्थिति आपने किसी पीएम के परिवार की नहीं देखी होगी

आगरा: दोस्तों जैसा हम सभी जानते हैं कि अभी हाल ही में 25 दिसंबर को भारत के एक्स प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म दिन बीता है. अटल बिहारी वाजपेई यूपी के बीहड़ में स्थित बटेश्वर अटल के रहने वाले हैं. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेई की फैमिली अभी भी इसी गांव में रहती है. और यह गांव अटल बिहारी वाजपेई के कारण जितना फेमस है उतना ही समस्याओं से भरपूर भी है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज तक अटल बिहारी वाजपेई के इस गांव को किसी भी सांसद नेता ने अपनाया नहीं है. ऐसे में आज हम आपको अटल बिहारी वाजपेई की बहू रानी से मिलाने जा रहे हैं जिनकी मौजूदा स्थिति जानकर आप के पांव तले से जमीन ही खिसक जाएगी.

अभी हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान अटल बिहारी वाजपेई के भतीजे रमेश चंद्र वाजपेई 68 वर्षीय ने बताया कि आजकल उनका स्वास्थ्य बिल्कुल भी ठीक नहीं है जिसके कारण उनकी पत्नी ही घर का पूरा काम संभालती है. रमेशचंद्र वाजपेई ने बताया कि उनके गांव में केवल 6 ही घरों के पास हैंडपंप लगा हुआ है और उनके लिए कोई भी पाइप लाइन मौजूद नहीं है. इसी कारण उनकी बूढ़ी पत्नी को काफी दूर जाकर घर के लिए पानी भरकर लाना पड़ता है.

केवल इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने बताया कि जब से अटल बिहारी वाजपेई बीमार हुए हैं, तभी से गांव के विकास के बारे में किसी ने नहीं सोचा. अटल बिहारी वाजपेई के गांव में हर रोज तकरीबन 16 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं रहती. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि बटेश्वर गांव फतेहपुर सीकरी लोक सभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसलिए इस गांव की पूरी जिम्मेदारी चौधरी बाबूलाल पर है परंतु बाबूलाल गांव की जिम्मेदारियों को लेकर जरा भी सीरियस नहीं है जिसका खामियाजा पूरे गांव को भुगतना पड़ रहा है. सांसद प्रवक्ता रामेश्वर के अनुसार बटेश्वर में उन्होंने काफी विकास करवाया है साथ ही मोहल्ले की सड़क भी बनवाई है. परंतु गांव वालों का इस कथन को लेकर कुछ और ही कहना है.

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि 90 के दशक के दौरान बटेश्वर गांव में काफी रौनक रहती थी क्योंकि उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई का राजनीतिक दौर था. परंतु अब समय के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेई का पूरा गांव और मोहल्ला गुजर चुका है साथ ही बिहारी जी का मकान अब खंडर बन चुका है और इस खंडहर के पास पांच और अन्य मकान मौजूद हैं.

मिली जानकारी के अनुसार अटल बिहारी वाजपेई के भतीजे रमेशचंद्र एक रिटायर्ड टीचर हैं. रमेश के अनुसार अटल बिहारी वाजपेई का परिवार 2003 में आखिरी बार गांव लौट कर आया था क्योंकि उस समय गांव की रेल लाइन का उद्घाटन अटल बिहारी वाजपेई जी द्वारा ही हुआ था. परंतु अब इस गांव को अटल बिहारी वाजपेई ने कभी लौट कर नहीं देखा. इके इलावा आपको हम बता दें कि अटल बिहारी जी के इस बटेश्वर गाँव को एक तीर्थस्थल के तौर पर भी जाना जाता है. जिसे देखने हर साल ढेरों यात्री आते हैं.

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