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जब भारत के रूद्र हेलीकॉप्टर की तुलना की गयी चीन के हथियार से तो छूट गए चीन के पसीने, जानें

भारत और चीन दोनों कई मामलों में एक दुसरे से बिलकुल अलग हैं। जहाँ भारत का रवैया अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ताना होता है, वहीँ पड़ोसी देश चीन हमेशा आस-पास के देशों पर कब्ज़ा करने की फ़िराक में रहता है। यही वजह है कि भारत और चीन की आपस में कभी नहीं पटी। समय-समय पर दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद होते रहे हैं। पिछले कुछ सालों में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनायी है। आज पूरी दुनिया भारत को एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला देश मानता है।

भारत की सेना की मजबूती भी पिछले कुछ सालों में लगातार बड़ी है। भारतीय थल सेना में भारत में निर्मित हेलीकॉप्टर रूद्र को शामिल किया गया है। भारत अभी तक हथियारों की खरीद के लिए दुसरे देशों का ही दरवाजा खटखटाता रहा है। लेकिन केंद्र सरकार की पहल के बाद भारत स्वावलंबी होता जा रहा है। एक समाचार पत्र की खबर के अनुसार इस समय भारतीय सेना राजस्थान के थार रेगिस्तान में युद्धाभ्यास कर रही है। इस युद्धाभ्यास में रूद्र अपने जलवे दिखा रहा है। थल सेना में रूद्र के शामिल होने के बाद से थल सेना की ताकत बढ़ गयी है।

यह हैं रूद्र की विशेषताएँ:

*- स्वदेशी हेलीकॉप्टर रूद्र में कई खूबियाँ हैं। इसका इस्तेमाल अटैक के लिए किया जायेगा। इसकी एकमात्र यूनिट जोधपुर एयरबेस पर तैनात है।

 

*- इसमें आगे और पीछे दोनों तरफ कैमरे लगे हुए हैं। इस वजह से यह दुश्मन के लिए और भी ज्यादा घातक हो जाता है। यह कैमरे आधुनिक हैं और दिन-रात किसी भी मौसम में दुश्मन पर अपनी नजर बनाये रखने में सक्षम हैं।

*- सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसमें लगी हुई गन का मूवमेंट पायलट के हेलमेट से जुड़ा हुआ है। वह जिस भी दिशा में अपना सर घुमायेगा गन भी उसी दिशा में घूम जाएगी।

 

*- रूद्र हेलीकॉप्टर में मिसाइल भी लगी हुई हैं। यह हवा से हवा में मार करने में सक्षम हैं। इस हेलीकॉप्टर से एक साथ 8 लक्ष्यों पर हमला किया जा सकता है।

*- इस हेलीकॉप्टर में 2 पायलट की जगह हैं। इससे 14 लोगों को ले जाया जा सकता है। इस हेलीकॉप्टर से 5 टन का भार ले जाया जा सकता है। इस हेलीकॉप्टर की रफ़्तार २९० किलोमीटर प्रतिघंटे तक है।

रूद्र के मुकाबले चीन का लड़ाकू हेलीकॉप्टर AV500W बहुत पीछे है। रूद्र की मारक क्षमता चीनी हेलीकॉप्टर से ज्यादा है और यह ज्यादा भार ले जाने में भी सक्षम है। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर को देखने के बाद यक़ीनन छूट जायेंगे चीन के पसीने।

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