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…जब इंदिरा गांधी ने रात को राहुल को घने जंगल में छोड़ दिया, राहुल ने सीखा था सबक!

नई दिल्ली – कांग्रेस को इस बार के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बुरी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, पार्टी ने इन दो राज्यों को छोड़कर गोवा व मणिपुर में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन इस सबके बावजूद वहां सरकार नहीं बना सकी। इन सारी बातों के लिए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कसुरवार माना जा रहा है। राहुल की मां सोनिया गांधी पिछले 19 सालों से पार्टी की अध्यक्ष हैं और इस साल ही कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है। कांग्रेस के नेताओं में इस बात की चर्चा होने लगी है कि क्या राहुल इस बार पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे? Indira and Rahul Gandhi.

Bjp parliamentary party meeting

राहुल हो सकते हैं कांग्रेस के नए अध्यक्ष –

कांग्रेस में इस बात लेकर चर्चा ज़ोरो पर है कि क्या वे इस साल पार्टी के नए अध्यक्ष चुने जाएंगे। आपको बता दें कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाई थी। लेकिन सोनिया की खराब तबीयत के मद्देनजर ऐसा लग रहा है कि राहुल को इस बार पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाएगा। हांलाकि, पांच राज्यों के नतीजे आने के बाद राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाये जा रहे हैं।

वर्तमान में पंजाब, कर्नाटक, मेघालय, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और पुदुच्चेरी में कांग्रेस की सरकार है। अगर तुलना की जाये तो कांग्रेस शासित सभी प्रदेशों में भारत की मात्र 8.9 प्रतिशत आबादी ही रहती है। वहीं भाजपा शासित प्रदेशों में देश की 62 प्रतिशत आबादी रहती है। कांग्रेस यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दशकों से सत्ता से बाहर है।

इंदिरा ने राहुल को सिखाया था, जिन्दगी का सबक –

इस बार के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था कि देश में इस वक्त ऐसा कोई नेता या पार्टी नहीं है जो 2019 में नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सके। भले ही सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस या कोई अन्य पार्टी इस बात को स्वीकार करे, लेकिन कई बड़े नेताओं का मानना है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को टक्कर देना राहुल के बस की बात नहीं है।

आपको राहुल गांधी के बचपन का एक किस्सा बता देते हैं। कांग्रेस के कई बुजुर्ग नेता बताते हैं कि राहुल जब छोटे थे तो अंधेरे से बहुत डर लगता था। इस डर को दूर करने के लिए उनकी दादी इंदिरा गांधी ने उन्हें एक रात बगीचे में अकेले छोड़ दिया था। वो मदद के लिए पूरी रात रोते रहे लेकिन, उनकी मां सोनिया गांधी चाहते हुए भी इंदिरा के डर से कुछ नहीं कर सकीं। राहुल ने इस बारे में एक बार कहा था कि उस रात के बाद उन्होंने अपने डर पर जीत हासिल कर ली थी और अंधेरे से निकलने का रास्ता पा लिया था।

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