अध्यात्म

आज बन रहा है शुभ संयोग, सूर्यास्त के बाद करें ये काम जीवन भर जायेगा खुशियों से!

आज गुरुवार के दिन सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी है। आज के दिन को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोग नागों की पूजा करते हैं। कई जगहों पर नागों के लिए दूध और लावा खाने के लिए जगह-जगह पर रखा जाता है। इससे लोगों में एक विश्वास है कि वह साँपों के खतरे से दूर रहते हैं और नागों का आशीर्वाद उनके ऊपर बना रहता है।

भगवान शंकर के आभूषण रूपी नाग की होती है श्रद्धा से पूजा:

आप तो जानते ही हैं कि यह सावन का महिना चल रहा है। इसी महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है। भगवान शंकर नाग को अपने गले में आभूषण की तरह धारण करते हैं। इसी महीने में उनके आभूषण रूपी नाग की भी पूजा बड़े श्रद्धा से की जाती है। सावन महीने की शुक्ल पक्ष की को नागपंचमी पड़ती है, इसलिए इस दिन धरती ना खोदने की बात भी कही जाती है। इस दिन धरती पर हाला नहीं चलाया जाता है।

नाग देवता या भगवन शंकर को सूर्यास्त के बाद लगायें खीर का भोग:

ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि नाग भूमि में ही रहते हैं। वह भूमि में बने बिलों में रहते हैं। भूमि खोदने से नागों को कष्ट होता है। इस दिन पुरे दिन उपवास रहकर सूर्यास्त के बाद नाग पूजन के लिए खीर बनाकर उसे नाग देवता की प्रतिमा के समक्ष या किसी शिव मंदिर में जाकर भोग लगायें। इसके बाद इसी खीर को प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण करें। शास्त्रों के अनुसार इस दिन नमक और तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

जानें ये महत्वपूर्ण बातें:

आज का अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:54 बजे तक,

अमृत काल: रात 9:23 से 11:00 बजे तक,

दिशाशूल: आज के दिन दक्षिण और उत्तर दिशा का मन बना रहे हैं तो उसे टाल दें, आज के दिन इन दिशाओं का दिशाशूल है।

जिनकी है आज शादी की सालगिरह: अपने पुरे साल को बेहतर और खुशियों से भरपूर बनाने के लिए पति और पत्नी दोनों किसी सफ़ेद गाय को 3 केले खिलाएँ।

आज का गुडलक: आज के दिन भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याही से 12 नागों का चित्र बनायें। इसके उपरांत पंचोपचार पूजन करें और इसपर दूध का भोग लगायें। तत्पश्चात इन 12 मन्त्रों का जाप करें-

मंत्र:

अनंत नागाय नमः।

वासुकी नागाय नमः।

शेष नागाय नमः।

पद्म नागाय नमः।

कंबला नागाय नमः।

कर्कोटक नागाय नमः।

अश्वतरा नागाय नमः।

धृतराष्ट्र नागाय नमः।

शंखपाल नागाय नमः।

कालिया नागाय नमः।

तक्षक नागाय नमः।

पिंगला नागाय नमः।

मंत्र का उच्चारण करने के बाद दूध किसी पेड़ की जड़ में डाल दें।

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