अध्यात्म

अगर आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित हैं तो नागपंचमी पर इस उपाय से करें कालसर्प दोष निवारण!

जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें जीवन में भयानक पीड़ा और काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में हमेशा किसी ना किसी चीज की कमी बनी ही रहती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को भी कालसर्प दोष था और विश्व में बिग बुल के नाम से चर्चित हर्षद मेहता भी कालसर्प दोष दे पीड़ित थे।

कालसर्प दोष की वजह से हर काम में मिलती है असफलता:

इन सभी ने जीवन में इसकी वजह से काफ़ी परेशानियों का सामना किया। काल से तात्पर्य मृत्यु से है, जबकि सर्प का मतलब साँप या नाग होता है। जब सभी अन्याय ग्रह राहू-केतु के मध्य आ जाते हैं तब कालसर्प दोष का योग बनता है। जो जातक कालसर्प दोष से पीड़ित होता है, उसे जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है। जिस काम में आसानी से सफलता मिलने की सम्भावना होती है, उसमें भी काफ़ी परेशानी होती है।

कालसर्प दोष वाले जातक का भाग्यप्रवाह राहू-केतु अवरुद्ध कर देता है। कालसर्प दोष के बारे में जनसामान्य में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। लोग इसी चक्कर में धूर्त ज्योतिषियों के चक्कर में पड़कर पैसा पानी की तरह बहा देते हैं, जबकि उन्हें कालसर्प दोष होता ही नहीं है। कालसर्प दोष से दुखी और पीड़ित व्यक्ति को कुंडली के माध्यम से ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने का काम ज्योतिषियों का है। आज हम आपको कालसर्प दोष से बचाव के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं।

कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए अपनाएँ यह उपाय:

*- अगर आपके जीवन में शत्रुओं की अधिकता हो या आपको हर काम में परेशानी का सामना करना पड़ता हो तो जिस वैदिक मन्त्र से जल में सर्प छोड़ते हैं, उसको प्रतिदन नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद तीन बार पढ़ें। भगवान शंकर के आशीर्वाद से आपके सभी शत्रुओं का नाश हो जायेगा। इस मंत्र प् प्रयोग बिना गुरु की आज्ञा के नहीं करना चाहिए।

*- नागपंचमी के दिन आप किसी पास के शिवालय में जाएँ। वहाँ एक तुलसी की माला से कम से कम एक माला शिव-गायत्री का जाप करें।

*- अगर आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं तो नागपंचमी कल ही है, इस दिन व्रत करना ना भूलें। इस दिन आप नवनाग स्त्रोत का पाठ करने ना भूलें।

*- किसी भी शिवालय के शिवलिंग में तांबे से बना हुआ सर्प लगाएं। उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर ब्रह्म मुहूर्त में जब कोई देख नहीं रहा हो उस समय शिवालय पर छोड़ आयें। इसके साथ चाँदी से बने हुए एक नाग-नागिन के जोड़े को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।

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