राजनीति

Brahmin in UP: यूपी में ‘ब्राह्मण कार्ड’, विकास दुबे की पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहते राजनीतिक दल…

यूपी चुनाव में 'ब्राह्मण कार्ड' खेलने की तैयारी में राजनीतिक दल, गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी लड़ेंगी चुनाव...

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है। ऐसे में तमाम सियासी दल अपने हिसाब से राजनीतिक चाल चलने में लगे हुए हैं। जी हां वैसे भी आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को 2024 आम चुनाव का सेमीफ़ाइनल माना जा रहा है। फ़िर सभी राजनैतिक दल अपना सबकुछ दांव पर लगा देना चाहते हैं।

Up Election Vikas Dubey Wife

जी हां यूपी का विधानसभा चुनाव 2022 में कौन जीतेगा और किसे मिलेगी हार, यह भविष्यवाणी करना तो अभी दूर की कौड़ी साबित हो रही है, लेकिन सभी दल अपने अपने वोटबैंक को मज़बूत करने में लगें हैं साथ ही दूसरी पार्टियों के वोटबैंक में सेंध लगाने की दिशा में भी बढ़ रहे हैं।

इतना ही नहीं, बता दें कि यूपी के बिकरू हत्याकांड को आसानी से भुलाया नहीं जा सकता है। जब गैंगस्टर विकास दुबे के गुंडों ने 8 पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। हालांकि बाद में विकास दुबे के एनकाउंटर ने सूबे की ब्राह्मण राजनीति को बदल दिया है। जी हां सूत्रों से जानकारी मिली है कि कई पार्टियां विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे से संपर्क में हैं और उन्हें अगले साल यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ाना चाहती हैं।

गौरतलब हो कि विकास दुबे के जानकारों का कहना है कि चुनावी राजनीति के जरिए ही विकास की पत्नी अपने पति के कारनामों से हुई बदनामी को कम कर सकती हैं और अपने बच्चों का भविष्य बना सकती हैं। इतना ही नहीं सूत्रों का कहना है कि विकास दुबे की पत्नी ने अब तक राजनीति की पारी खेलने का मन नहीं बनाया है। ऐसा नहीं है कि उनके पास सियासी तजुर्बा नहीं है बल्कि वे समाजवादी पार्टी के टिकट से जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। लेकिन हत्याकांड के बाद से समाजवादी पार्टी ने ऋचा दुबे को लेकर खुलकर कुछ नहीं कहा है।

Up Election Vikas Dubey Wife

वहीं, बिकरूकांड को लेकर बीएसपी भी सियासी चाल चल रही है। हाल ही में हुए प्रबुद्ध सम्मेलन में पार्टी के नेता सतीश मिश्रा ने कहा था कि बिकरू कांड में निर्दोष ब्राह्मणों को बीजेपी ने निशाना बनाया। लेकिन मिश्रा ने विकास दुबे का नाम नहीं लिया। मालूम हो कि पिछले साल 2 जुलाई की आधी रात को बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी गयी थीं। जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।

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वहीं इस समय मामले में 45 आरोपी जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल जारी है। दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई।

यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे। घर पर पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी लगाई थी। पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने उनपर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर बदमाश फरार हो गए थे।

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