अध्यात्म

पूजा घर में ये चीजें रखना माना गया है वर्जित, इन्हें रखने से झेलनी पड़ सकती है आर्थिक तंगी

शास्त्रों में पूजा करने से जुड़े कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है और भगवान की पूजा करने का सही तरीका बताया गया है। साथ में ही कौन सी चीजें पूजा घर में रखना अशुभ होता है, इसका जिक्र भी शास्त्रों में मिलता है। दरअसल हर घर में मंदिर महत्वपूर्ण स्थान होता है और इसे हमेशा ही सही दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु शास्त्र में मंदिर बनाने के लिए ईशान कोण शुभ माना गया है।

वास्तु के अनुसार पूजा घर को हमेशा साफ रखना चाहिए और रोज सुबह इसकी सफाई करनी चाहिए। साथ में ही नीचे बताई गई चीजों को भूलकर भी पूजा घर में नहीं रखना चाहिए। इन चीजों को पूजा घर में रखने से वास्तु दोष लग जाता है और पूजा भी सफल नहीं मानी जाती है। तो आइए बिना देरी किए जानते हैं की वो कौन सी चीजें हैं, जिन्हें पूजा घर में रखना शुभ नहीं माना जाता है व इनके पूजा घर में होने से पाप चढ़ता है।

इस्तेमाल की गई हुई सामग्री

कई लोग हवन या अनुष्ठान होने के बाद बची हुई पूजा की सामग्री मंदिर में वापस रख लेते हैं। जो कि गलत माना गया है। हमेशा हवन व अनुष्ठान करने के बाद बची हुई सामग्री को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए और कभी भी इन सामग्री का प्रयोग दोबारा नहीं करना चाहिए। हालांकि अगर हल्दी, लौंग, चावल, आटे जैसी चीजें बचने पर इन्हें रसोई घर में रख सकते हैं और खाना बनाने में इनका प्रयोग कर सकते हैं।

न रखें बासी फूल

पूजा के दौरान फूल का प्रयोग जरूर किया जाता है और भगवान को फूलों की माला पहनाई जाती है। कई लोग रोज भगवान को फूल अर्पित करते हैं व फूलों की माला पहनाते हैं। हालांकि आप इस बात का ध्यान रखें कि फूल बासे होते ही उन्हें तुरंत हटा लें। कभी भी बासे फूल मंदिर में न रहने दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार बासी फूलों के मंदिर में होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। घर में कलह, दरिद्रता फैल जाती है।

न रखें दो शंख

पूजा घर में कभी भी दो शंख न रखें। पूजा घर में हमेशा एक ही शंख रखना चाहिए। शंख में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है और इसके पूजा घर में होने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है। वहीं मंदिर में एक से अधिक शंख रखने से सकारात्मकता का प्रवाह नहीं हो पाता है।

न रखें पूर्वजों की तस्वीरें

पूजा घर में कभी भी अपने पूर्वजों की तस्वीर को न रखें। पूजा घर में हमेशा अपने ईष्ट देव की मूर्ति ही रखनी चाहिए। इसके अलावा मंदिर में कभी भी पांच से अधिक मूर्तियां भी न रखें। साथ में ही शनिदेव की मूर्ति भी मंदिर में रखने से बचें।

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