राजनीति

फिल्म नायक की तरह एक दिन की मुख्ष्यमंत्री बनी उत्तराखंड की यह लड़की, कई मुद्दों पर लिया फैसला

राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर एक दिन के लिए उत्तराखंड की ‘मुख्यमंत्री’ बनाई गई हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी ने अपने काम से सभी का ध्यान अपनी और खींचा. सृष्टि राजनीति में आने की दिलसचस्पी रखती हैं. एक दिन की मुख्यमंत्री बनने के दौरान समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों को उन्होंने बाल अपराधों को रोकने के लिए कहा. सृष्टि ने पुलिस से कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए.

नील रंग का ब्लेजर पहन, माथे पर छोटी सी बिंदी लगाकर रुड़की बीएसएम पीजी कालेज की बीएससी कृषि की छात्रा सृष्टि गोस्वामी मुख्यमंत्री बनने के बाद काफी गंभीर नजर आ रही थी. विधानसभा में हुई विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में सीएम सृष्टि ने कहा कि बालिकाओं को स्कूल आने-जाने में रास्तो में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस कारण लड़किया खुद को काफी असुरक्षित महसूस करती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा राज्य में हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हो रही हैं, हर संभव प्रयास कर इनपर रोक लगाने का काम किया जाना चाहिए. साथ ही स्वरोजगार के अवसर बनाकर राज्य में पलायन रोकने की दिशा में भी काम करना चाहिए.

राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर उत्तराखंड की एक दिन की मुख्यमंत्री बनने वाली सृष्टि गोस्वामी के परिवार से कोई भी राजनीति में नहीं है. उनके परिवार से किसी का भी राजनीति से कोई नाता नहीं है. रुड़की के दौलतपुर गांव निवासी प्रवीण की बेटी सृष्टि ने एक दिन की मुख्यमंत्री बनकर न सिर्फ पिता सीना चौड़ा किया है, बल्कि अन्य बेटियों के लिए भी उन्होंने एक मिसाल कायम की है.

सृष्टि ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद कहा कि चुनाव प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही वे बाल विधान सभा की मुख्यमंत्री बन पाई हैं. अगर उन्हें भविष्य में मौका मिला तो वह अवश्य ही राजनीति में आकर मुख्यमंत्री बनना चाहती है. सृष्टि ने बालिका शिक्षा और सुरक्षा पर जोर दिया. सृष्टि ने कहा कि काॅलेजों में लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. सीएम के रूप में उसने कहा कि बालिका सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए.

सपन्न हुई इस बैठक में पुलिस विभाग की ओर से डीआईजी निलेश आंदन भरणे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में महिला अपराध में कुछ दिनों में इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि थाने आने वाली हर प्रत्येक महिलाओं की शत-प्रतिशत शिकायतें दर्ज की जाती हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि थाने में महिला आती है तो किसी की शिकायत सुनी जाए या नहीं सुनी जाए, महिलाओं की हर समस्या सुनी जाती है.

आपको बता दें कि इससे पहले बैठक की शुरुआत में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत ने सृष्टि को एक दिन का मुख्यमंत्री बनने पर शुभकामनाएं दीं. इसके साथ ही बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने भी बताया कि उत्तराखंड ने हमेशा से इतिहास रचा है. इस बार भी सृष्टि को एक दिन का मुख्यमंत्री बनाकर देश को एक अच्छा और नया संदेश दिया गया है. ज्ञात होकि बैठक का संचालन आयोग की सदस्य सचिव झरना कमठान द्वारा किया गया.

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