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‘हिन्दू राष्ट्र’ का सपना रह जाएगा अधूरा! दो दशकों में ‘हिंदुओं की संख्या’ हो जाएगी आधी!

नई दिल्ली – एक तरफ तो हम देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे अध्ययन सामने आये हैं जो वाकई चिंता का विषय हो सकते हैं। दरअसल, प्यू रिसर्च ने इस बात का दावा किया है कि विश्वभर में हिंदू समुदाय की कुल आबादी का 94 फीसदी हिस्सा भारत में रहता है, लेकिन भारत में जन्म दर में कमी आने के कारण वर्ष 2055 से 2060 के बीच हिंदुओं की जनसंख्या में अविश्वसनीय रूप से कमी देखने को मिलेगी। गौरतलब है इससे पहले भी अमेरिका के थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने धर्म को लेकर इसी तरह का सर्वे करके इस बात का दावा किया था कि 2070 तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी मुसलमानों की होगी। Pew research on hindus.

हिन्दुस्तान में ही कम हो जाएंगे हिन्दू –

Pew research on hindus

प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक अगले 20 सालों में मुस्लिम महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों की संख्या दुनिया भर में ईसाई महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों से अधिक हो जाएगी। जिसके कारण 2075 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा। वर्तमान में इंडोनेशिया सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है। 2015 को छोड़ दें तो 2060 तक ईसाई और मुस्लिम महिलाएं 2060 तक बढ़ती संख्या में बच्चों को जन्म देती रहेंगी। साल 2015-60 के बीच विश्व स्तर पर मुसलमानों की जनसंख्या 70 फीसदी से अधिक बढ़ने की संभावना है जबकि ईसाई जनसंख्या 34 फीसदी बढ़ेगी। जिसका अर्थ यह हुआ कि दोनों धर्मों के लोगों की संख्या करीब करीब बराबर होगी।

इन पांच सालों में हिंदुओं की संख्या में आएगी भारी कमी –

रिसर्च सेंटर की ओर से ‘बदलते वैश्विक धार्मिक परिदृश्य’ शीर्षक के तहत किये गए अध्ययन के मुताबिक ‘हिंदुओं में जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या में गिरावट काफी ज्यादा होगी। घटती प्रजनन दर के कारण वर्ष 2055-60 के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 2010-2015 के बीच जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या की तुलना में 3.3 करोड़ कम होगी।’ वहीं सर्वे के अनुसार बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इस्लाम ही दुनिया में सबसे बड़ा धर्म है और साल 2010-2015 के बीच मुसलमानों की जनसंख्या में 15 करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 2060 के बाद भी जारी रहेगी।

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