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जानिये क्या है महामारी एक्ट, नियम तोड़ने वालों पर महामारी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई, मिलेगी सजा

भारत के 25 राज्य कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं और इस वायरस से भारत में 49 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 1500 से अधिक लोगों का इलाज इस समय चल रहा है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार कई तरह के सख्त कदम उठा रही है और लोगों को क्वारंटाइन, सोशल डिस्टिंन और आइसोलेशन जैसे नियमों का पालन करने को कहा जा रहा है।

कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए भारत सरकार ने महामारी एक्ट (Epidemic Act) की मदद लेने का फैसला लिया है। कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा की समीक्षा में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया है और इस फैसले के बाद से सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को महामारी बीमारी कानून के सेक्शन 2 के प्रावधानों की मदद लेने के लिए कहा है।

क्या है ये महामारी कानून

ये कानून साल 1897 में बना था और इस कानून को अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। दरअसल साल 1897 में बॉम्बे में ब्यूबॉनिक प्लेग नामक महामारी फैली थी और इस महामारी को रोकने के लिए ये कानून बना था।

मिलते हैं विशेष अधिकार

महामारी एक्ट (Epidemic Act) के तहत गवर्नर जेनरल और स्थानीय अधिकारियों को कुछ विशेष अधिकार दिए जाते हैं। कानून के अनुसार अधिकारियों के पास रेलवे या अन्य साधनों से यात्रा कर वाले लोगों की जांच करने का अधिकार होता है। साथ में ही अगर किसी व्यक्ति पर शक हो कि उसे संक्रमण है तो उस व्यक्ति को अस्पताल में रखने का भी अधिकार होता है। इतना ही नहीं सरकार के पास बंदरगाह से आ रहे जहाज की जांच का अधिकार होता है और साथ में ही राज्य सरकार चाहें तो जहाज को डिटेन भी कर सकती है। अगर सरल शब्दों मे कहा जाए तो महामारी को रोकने के लिए अधिकारी कोई भी कदम उठा सकते हैं। ताकि उनके राज्य में महामारी ना फैल सके।

इस कानून में चार सेक्शन बनाए गए हैं। जिसमें से पहले सेक्शन में ये बताया गया है कि ये कानून क्या है। दूसरे सेक्शन में इस कानून के तहत मिलने वाले विशेष अधिकारों का जिक्र किया गया है। तीसरा सेक्शन कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता (IPC – Indian Penal Code) की धारा 188 के तहत मिलने वाले दंड/जुर्माने का जिक्र करता है। वहीं आखिरी सेक्शन कानून के प्रावधानों का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों को कानूनी संरक्षण देता है।

कितना लगता जुर्माना

जो लोग इस काननू का उल्लंघन करते हैं और नियमों का पालन नहीं करते हैं। उन लोगों को महामारी कानून के सेक्शन 3 के तहत सजा देने का प्रवाधान है। इस सेक्शन के तहत उल्लंघन करने पर या कानून को ना मानने के लिए 6 महीने तक की कैद दी जा सकती है और जुर्माने के तौर पर 1000 रुपये वसूले जा सकते हैं।

भारत में कोरोना को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई सारे नियम बनाए गए हैं। लेकिन लोगों द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में महामारी कानून की मदद से नियम तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। आगरा में इस कानून की मदद से हाल ही में एक केस भी दर्ज कर दिया गया है।

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