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शर्मनाक: कोरोना मरीज बताकर मूक-बधिर बुजुर्ग को हॉस्पिटल छोड़ भाग गए घरवाले, जाने फिर क्या हुआ

कोरोना वायरस (Corona Virus) दुनियाभर में कहर बरसा रहा हैं. अभी तक विश्व में 9 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इनमे से 47 हजार लोगो का इस वायरस की वजह से निधन भी हो चूका हैं. भारत की बात करे तो यहाँ ये आकड़ा अब 1965 तक जा पहुंचा हैं. इस वायरस की वजह से इंडिया में अभी तक 50 लोगो की जान जा चुकी हैं, वहीं 151 लोग इससे ठीक भी हुए हैं. भारत में बढ़ते कोरोना मामलो के कारण हॉस्पिटल पर बहुत अधिक दबाव हैं. ये लोग दिन रात लोगो की सेहत सुधारने में लगे हुए हैं. ऐसे में लोगो को ये सलाह भी दी जा रही हैं कि यदि कोई ज्यादा जरूरी मेडिकल दिक्कत ना हो तो हॉस्पिटल आने से बचे. इस तरह अस्पताल पर भी बोझ कम होगा.

हालाँकि आज हम आपको एक ऐसा मामला बताने वाले हैं जिसके बारे में सुन आपको बहुत गुस्सा आएगा. कोरोना जैसे गंभीर मामले के बीच कुछ लोग अमानवीय और निंदनीय हरकतें भी कर रहे हैं. ये लोग देश में मौजूद इस हालात का फायदा उठाकर अपना निजी लाभ देख रहे हैं. दरअसल 29 मार्च को रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में एक परिवार 49 वर्षीय बुजुर्ग को ये कहकर लाया कि इनके अंदर कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद जब हॉस्पिटल वालों ने उस बुजुर्ग का सेम्पल लिया तो रिजल्ट नेगेटिव आया. हालाँकि ये खुशखबरी हॉस्पिटल वाले बुजुर्ग के परिवार को बताते उसके पहले ही वे लोग रफूचक्कर हो गए. यहाँ तक कि फ़ार्म में उन्होंने अपना पता भी गलत लिखा था.

दुःख की बात तो ये हैं कि यह बुजुर्ग व्यक्ति ना तो सुन सकता हैं और ना ही बोल सकता हैं. मतलब इनके परिवार के लोगो ने जानबुझकर कोरोना की सिचुएशन का फायदा उठाकर बुजुर्ग को हॉस्पिटल में छोड़ दिया. शायद वे लोग इनसे छुटकारा पाना चाहते थे. फिलहाल पुलिस इस शख्स की मदद के लिए आगे आई हैं और उसके परिवार का पता लगाने में जुटी हैं. उधर हॉस्पिटल का स्टाफ ही अभी इस बुजुर्ग की देखभाल कर रहा हैं. बताया जा रहा हैं कि जांच का सेम्पल लेने के बाद बुजुर्ग को कुछ देर के लिए आइसोलेशन रूम में रखा गया था. बस इसी दौरान उसके पिरवार वाले वहां से भाग गए.

एम्स के डेप्युटी डायरेक्टर नीरेश शर्मा बताते हैं कि ये बहुत ही दुःख की बात हैं कि एक फैमिली अपने ही परिवार के मेंबर को इस तरह हॉस्पिटल में अकेला छोड़ गई हैं. फिलहाल इनके परिवार का कोई पता नहीं लग पा रहा हैं. हमने इन्हें जनरल मेडिसिन वॉर्ड में भेज दिया हैं. यहाँ मेडिकल स्टाफ ही इस बुजुर्ग की देखरेख कर रहा हैं. उन्हें खिलाने और उठने बैठने में सहायता के लिए भी कर्मचारी आगे आ रहे हैं.

ये पूरा मामला अपने आप में काफी दुखद हैं. एक तरफ तो देश संकट के दौर से गुजर रहा हैं और दूसरी तरफ कुछ भावनारहित लोग अपने घर के बुजुर्ग से छुटकारा पाने की जुगाड़ कर रहे हैं. इस पूरी घटना की कड़ी निंदा हो रही हैं. इस तरह के परिवार वालो को उचित दंड भी दिया जाना चाहिए. इस पुरे मामले पर आपके क्या विचार हैं हमें जरूर बताए.

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