अध्यात्म

सावन के तीसरे सोमवार को पड़ा है ये शुभ संयोग, ऐसे करेंगे शिवजी की पूजा तो होगी हर मनोकामना पूरी

17 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है. भगवान शिव के भक्त जगह-जगह कांवड़ ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. सावन का ये पावन महीना कोई भी शुभ कार्य करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को और आखिरी सोमवार 12 अगस्त को है. कहते हैं कि इस महीने जो कोई भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.

आज सावन का तीसरा सोमवार है और इस बार इस सोमवार को बेहद ख़ास बताया जा रहा है. दरअसल, आज बेहद ही शुभ संयोग बन रहे हैं और जो इस दौरान भोलेनाथ की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करेगा भगवान उसकी हर मनोकामना पूरी करेंगे. बता दें, आज तीसरे सोमवार के दिन नागपंचमी है. आज के दिन भगवान को प्रसन्न करके भक्त लोग विशेष फल प्राप्त कर सकते हैं.

आज के इस महासंयोग के दिन यदि विवाहित लोग भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन हमेशा सुखद होगा. जानकारी के लिए बता दें शिवजी को संख्या 3 से खास लगाव है. शिव की उपासना भी मुख्य रूप से तीन स्वरूपों में होती है. तीनों स्वरूपों की पूजा के लिए सावन के तीसरे सोमवार को महत्वपूर्ण बताया जाता है. ऐसे में जानिये कि भगवान के तीनों स्वरूपों की उपासना कैसे की जाए.

नटराज

दुनिया में नृत्य, कला और संगीत के जनक भगवान शिव को माना जाता है. कला और नृत्य का प्रतीक भगवान शिव का नटराज स्वरुप है. सावन के सोमवार के दिन घर में सफ़ेद रंग के नटराज की स्थापना करना शुभ माना जाता है. इनकी उपासना के लिए सफ़ेद रंग के पुष्पों का इस्तेमाल करें. ज्ञान, विज्ञान, कला, संगीत, अभिनय के क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं तो इनकी पूजा अवश्य करें.

नीलकंठ

भगवान शिव का कंठ यानी गला नीला है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. कहा जाता है कि मानवता की रक्षा करने हेतु शिवजी ने एक बार जहर पी लिया था, जिससे उनका कंठ नीला हो गया और तभी से उनका नाम नीलकंठ पड़ गया. अगर आप घर में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं तो आज के दिन भगवान के इस स्वरुप को ध्यान में रखते हुए पूजा-अर्चना करें.

महामृत्युंजय

महामृत्युंजय भी भगवान शिव का स्वरुप है. बता दें, भगवान के इसी स्वरुप की पूजा सावन के तीसरे सोमवार को की जाती है. भगवान के इस स्वरुप की सच्चे मन से पूजा करके आप आयु, रक्षा, अच्छी सेहत और मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं. आज के दिन लंबी आयु और अपनी रक्षा हेतु भगवान के इस स्वरुप की पूजा करें.

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