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रक्षा विशेषज्ञों ने दी चेतावनी बोले पाकिस्तान कर सकता है कोई नापाक कोशिश, सीमा पर बढ़ाऐं चौकसी

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: भारत के जाबांज विंग कमांडेर अभिनंदन अब भारत वापस आ गए हैं। शुक्रवार की रात करीब 9 बजकर 20 मिनट पर पाकिस्तान ने भारत के सुपुर्द कर दिया। अभिनंदन वर्तमान का भारत में बहुत जोरों-शोरों से स्वागत हुआ। सिर्फ वाघा बॉर्डर पर ही नहीं बल्की पूरे देश में उनकी देश वापसी का जश्न मनाया जा रहा है। इमरान खान के इस फैसले के बाद उनकी कही तारीफ हो रही है तो वहीं कुछ पाकिस्तानी लोग उनके इस फैसले से नाराज भी नजर आए।

बता दें कि गुरूवार के दिन ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में इस बात की घोषणा कर दी थी कि वो भारतीय पॉयलट को शुक्रवार के दिन भारत के हवाले कर देंगे। ऐसा करके उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने की बात भी कही। लेकिन वहीं भारत के रक्षा विशेषज्ञ हरिभूमि से बातचीत में अभिनंदन की इतनी जल्दी वतन वापसी को भारत की एक बड़ी महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता बताई है। लेकिन इसी के साथ उन्होंने भारत को सचेत भी किया है कि नापाक पाकिस्तान पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वायुसेना के पायलट को लौटाने की आड़ में पाकिस्तान, भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच सकता है। इसलिए भारत के इस फैसले के बाद भारतीय सेनाओं को अपनी आंतरिक सीमाओं पर और चौकन्ना रहना चाहिए। बता दें कि खबरों की मानें तो पाकिस्तान ने बीते कई दिनों से एलओसी पर 40 बार सीजफायर को तोड़कर भारतीय सेना की चौकियों पर भीषण गोलीबारी की गई है। जिसका सेना कड़ा जवाब दे रही है।

भारत की कूटनीतिक जीत

बता दें कि वायुसेना के वरिष्ठ सेवानिवृत अधिकारी एयर मार्शल सुमित मुखर्जी ने अभिनंदन की इतनी जल्दी वापसी को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बताया है। क्योंकि ये भारत की बेहतर कूटनीति का ही नतीजा था कि विंग कमांडर को छोड़ने के लिए पाकिस्तान पर भारत ने चौतरफा दबाव बनाया और पाक को पायलट को इतनी जल्दी रिहा करना पड़ा और ऐसा पहली बार हुआ है जब 48 घंटे के अंदर भारत को किसी सैनिक को लौटाया गया हो।

इससे पहले ऐसा आज तक नहीं हुआ की जब भारत और पाक के बीच जंग जैसे हालात हो उसके चलते कोई रिहाई इतनी जल्दी की गई हो। क्योंकि अगर लड़ाई की स्थिति में कोई पायलट दुश्मन के इलाके में गिर जाए और उसे कैद कर लिया जाए तो उसकी रिहाई बेहद मुश्किल हो जाती है साथ ही युद्ध खत्म होने का इंतजार किया जाता है। जिसके बाद दोनों देशों में आपसी सहमति बनती है जिसके बाद अगर दुश्मन चाहे तो सैनिक को रिहा करने का फैसला ले सकता है, लेकिन अभिनंदन के मामले में पाक पर पड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर से पड़ने वाले दबाव की वजह से 2 दिन के अंदर ही अभिनंदन भारत वापस आ गए।

पश्चिमी देशों का मिला साथ

बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद की मुहिम में पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पाक के खिलाफ थी। अभिनंदन की भारत वापसी पर भारत को पश्चिमी देशों का बहुत साथ मिला। आज भारत दुनियाभर के लिए एक बड़े बाजार के रूप में मौजूद है। हमारे साथ सभी विकसित देशों के बड़े हित जुड़े हुए हैं। यूएई और अमेरिका ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।

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