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आखिरी बार दिखा दो भाई का चेहरा…रोती हुई शहीद की बहन बार-बार लगाती रही गुहार-देखिए तस्वीरें

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों में एक प्रदीप का भी नाम है. जब उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो उनके घर में कोहराम मच गया. इस बीच शहीद की बहन और पत्नी बिलखती हुई शव के पास पहुंच गई और बहन ने बिलखते हुए कहा मेरे भाई का चेहरा तो दिखा दो. शनिवार की सुबह साढ़े 6 बजे बनत कस्बे में शहीद प्रदीप का शव जैसे उनके घर के पास एक चौपाल पर पहुंचा तो उसकी बहन और पत्नी बिलखते हुए उनके पास आईं. इसके बाद आखिरी बार दिखा दो भाई का चेहरा…रोती हुई शहीद की बहन बार-बार लगाती रही गुहार, और ये मंजर देखकर गांव के निवासियों के साथ-साथ वहां मौजूद पुलिस कर्मी भी अपने आंसू नहीं रोक पाए. देखिए इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें.

रोती हुई शहीद की बहन बार-बार लगाती रही गुहार

जब एक बहन के सामने एक शहीद भाई का पार्थिव शरीर आया तो वो बिलखने लगी और वहां मौजूद जवानों की तरफ एक आस लगाए देखकर बोला, ”मेरे शहीद भाई का चेहरा एक बार दिखा दो”. मगर वहां मौजूद जवान एक-दूसरे को देखने लगे और कुछ नहीं कह पाए. वहीं जब शहीद प्रदीप के शव के पास रखी उनकी फोटो को सीने से लगा लिया और और बिलखती हुई रोने लगी. ये सब देखकर सीआरपीएफ के बाकी जवान भी अपने आंसू नहीं रोक पाए. शव के गांव पहुंचने से पहले ही हजारों की संख्या में लोग शहीद प्रदीप के अंतिम दर्शन के लिए लोग आ गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके साथ ही डीएम अखिलेश सिंह, एसपी अजय कुमार, आरएएफ और सीआरपीएफ के कमांडेट ऑफिसर्स भी वहां मौजूद रहे. शहीद के पार्थिव शरीर को घर के पास चौपाला पर जनता दर्शन को रखा गया और साथ में सीआरपीएफ के प्रदीप की फोटो भी ताबूत के पास रखी गई. जिसपर फूल मालाएं चढ़ी थीं.

शव आने का पता चलते ही शहीद की पत्नी शर्मिष्ठा और बहन आरजू नंगे पांव ही चौपाल की तरफ दौड़ीं और ताबूत से लिपटकर रोने लगीं. बहन को इस तरह बिलखता देखकर वहां मौजूद हजारों लोगों में गम और गुस्सा बढ़ा. सभी ने एक स्वर में पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाया और शहीद की शहादत को सलाम किया. सभी ने एक स्वर में बोला ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, प्रदीप तेरा नाम रहेगा’. हर किसी का यही कहना था कि अब बातचीत का समय खत्म अब तो आर-पार का समय आ गया है.

इस तरह दिखाया गया शहीद प्रदीप का चेहरा

जब शहीद प्रदीप की बहन और पत्नी की हालत खराब होने लगी तब अफसरों ने उनकी भावनाओं की कद्र करते हए चेहरा दिखाया. ऑफिसर्स समझ गए कि जब एक बहन अपने भाई और पत्नी अपने पति को इस तरह खोती है तो उनके ऊपर क्या बीतती है. प्रदीप के चचेरे भाई उमेश ने बताया कि बाद में अंत्येष्टि स्थल पर परिजनों के माध्यम से दोनों को बुलवाया और शहीद का चेहरा दिखाया गया. जनता दर्शन के दौरान शहीद के बड़े बेटे सिद्धार्थ ने जैसी ही अपने पिता का चेहरा देखा तो बिलख कर रोने लगा फिर लोगों ने उसे संभाला. बाद में उसने पिता को मुखाग्नि भी दी.

सिद्धार्थ ने इस पर कहा, ‘पापा की शहादत का बदला लेना चाहिए. सरकार को बातचीत नहीं बल्कि इस बार मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.’ इतना कहकर वो फिर रोने लगा और वहां मौजूद सभी लोग ये देखकर भावुक हो गये. शव के पास आते ही परिवार और रिश्तेदार बिलख पड़े.

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