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जानिये मरने के बाद आदमी कहाँ जाता है, क्या होता है उस शरीर की आत्मा के साथ

मरने के बाद आदमी कहाँ जाता है: इंसान की जिंदगी का सबसे कड़वा सच उसकी मृत्यु है. हर इंसान के मन में एक ना एक दिन यह सवाल जरुर उठता है कि आखिर मरने के बाद आदमी कहाँ जाता है ? लेकिन यह सवाल एक अनसुलझी हुई पहेली की तरह है जिसका जवाब कोई नहीं जानता. हालाँकि आज साइंस ने काफी उन्नति कर ली है लेकिन मौत के पीछे के रहस्य सुलझा पाना साइंस के बस की बात नहीं है. आखिर व्यक्ति क्यूँ मरता है और  मृत्यु के बाद आत्मा कहा जाती है, यह सवाल ऐसे है जो आज भी हम सब को घेरे हुए हैं. इन सवालों को लेकर हर किसी की अपनी अलग अलग धारणाए हैं. कुछ लोगों के इंसान मरने के बाद इंसान अपने कर्मो के अनुसार नरक या स्वर्ग में भेज दिया जाता है. तो वहीँ कुछ लोगों का कहना है कि मरने के बाद इंसान की आत्मा भगवान के पास पहुँचती है और वहां भगवान उसके पाप पुण्य देख कर उसको अगले जन्म में भेज देते हैं.

ऐसा माना जाता है कि मनुष्य शरीर नश्वर है. इसलिए जो भी मनुष्य जन्म लेता है, उसकी मृत्यु भी उसी समय तय कर दी जाती है और उसका समय आते ही उसके प्राण निकल जाते हैं. ऐसे में म्न्यश्य का शरीर तो इसी धरती पर रह जाता है लेकिन उसकी आत्मा उसमे से निकल जाती है. अब यह आत्मा कहा जाती है और उस आत्मा का आगे क्या होता है, यह कोई नहीं समझ पाया इसलिए यह सच आज भी एक रहस्य बना हुआ है. परंतु आपको बता दें कि हिंदू धर्म के गरुड़ पुराण में मृत्यु का सच उलेखनीय है. हालाँकि इसमें कितना सच है और कितना झूठ, यह तय कर पाना हम इंसानों की सोच से बाहर है.

मरने के बाद आदमी कहाँ जाता है- श्रीकृष्ण तथ्य

इस दुनिया में ढेरो संत महापुरुष जन्म ले चुके हैं जो अपने जीवन काल के दौरान ही महत्वपूर्ण एवं अनसुलझी हुई गुथियों को सुलझा चुके हैं. ऐसे संत पुरुष अमाधि के उछ स्तर पर पहुँच कर जन्म और मृत्यु के बंधन से हमेशा के लिए मुक्त होकर कालातीत हो जात हैं. सभी धर्मों के अनुसार इंसान मृत्यु के बाद एक बार फिर से दोबारा जन्म लेता है हालाँकि वह अगले जन्म में किस पशु पक्षी का रूप लेता है, यह कोई नहीं जानता. भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता में कहा है कि आत्मा ना कभी जन्म लेती है और ना ही कभी मरती है. ऐसे में मौत के बाद यह आत्मा कहा जाती है और कहा नहीं, इसका उत्तर आप आवश्य जानना चाहेंगे.

मरने के बाद आदमी कहाँ जाता है- गरुड पुराण

हिंदू धर्म में कईं पुराण है जिनमे से गरुड़ पुराण भी एक है. इस पुराण में मृत्यु का रहस्य बखूबी दर्शाया गया है. गरुड पुराण में लिखा है कि जब कोई जीवन मरता है तो उसकी आत्मा को अपने साथ ले जाने के लिए दो यमदूत धरती पर उतरते हैं. ऐसे में जो जीव अपनी जिंदगी में अच्छे कर्म करते हैं, उनकी आत्मा आसानी से निकल जाती है और जो अच्छे कर्म नहीं करते उन्हें यमदूत जबरदस्ती अपने साथ खींच कर ले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि आत्मा के शरीर त्यागने के बाद वह एक अंगूठे के आकर की हो जाती है. इस आत्मा को यमदूत यमराज के पास ले जाते हैं.

वहां उस आत्मा को 24 घंटे तक रख कर उनके कर्मो का लेखा जोखा दिखाया जाता है. इसके बाद यमदूत उस आत्मा को उसके शरीर का नाश दिखाते हैं और आत्मा खुद अपना शरीर अपने सामने जलता देखती है. इसके पश्चात यमदूत उस आत्मा को यमलोक ले चलते हैं और उन्हें भयानक नगरी दिखाते हैं जहाँ उन्हें कईं तरह की यातनाए बह दी जाती है. इसके बाद उनके पाप और पुन्य के मुताबिक उन्हें नर्क, स्वर्ग और अन्य योनियों में भेज दिया जाता है.

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