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इस तरह से दाऊद इब्राहीम और कई बड़े आतंकियों के तार जुड़े हैं पटना से, हुआ बड़ा खुलासा

पटना: एक तरफ देश की सुरक्षा व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए देश के वीर जवान हर वक़्त सीमा पर मुश्तैद रहते हैं, वहीँ बिहार की राजधानी पटना में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देश की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने वाला तंत्र फल-फूल रहा था। देश की सुरक्षा को निशाना बनाया गया था। विदेशी सर्वर से जोड़कर चलाये जा रहे टेलीफोन एक्सचेंज से दाऊद इब्राहीम से लेकर कई बड़े आतंकियों को सेवाएँ दी जा रही थीं। जानकारी के अनुसार इसका सरगना सऊदी अरब में है। इस रैकेट में शामिल तीन अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए अपराधियों ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किये। इसी के आधार पर जाँच को आगे बढ़ाया जा रहा है। एक बात यह भी सामने आ रही कि बिहार पुलिस साइबर क्राइम के अनुसंधान को लेकर प्रशिक्षित नहीं है। ख़ुफ़िया सूत्रों के अनुसार पिछले छः महीने से ख़ुफ़िया विभाग को यह जानकारी मिल रही थी कि लखनऊ, मुबई, राजस्थान, पुणे और दिल्ली में आतंकी और गैंगस्टर फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल कर रहे हैं।

लगभग दो महीने पहले उत्तर प्रदेश पुलिस (एटीएस) ने लखनऊ और गोरखपुर से ऐसे गिरोह के पाँच अपराधियों को गिरफ्तार किया था। जब उनसे पूछताछ की गयी तो पता चला की बिहार और मुबई में भी ऐसे फर्जी एक्सचेंज चल रहे हैं। लगभग एक सप्ताह पहले ख़ुफ़िया विभाग को यह सूचना मिली की पटना भी भी ऐसा एक गिरोह चल रहा है जो आतंकियों और गैंगस्टर को सुविधाएँ देता है। इसके बाद पुलिस ने साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स की मदद से जानकारी जुटाई।

रविवार को पुलिस ने पटना के गाँधी मैदान क्षेत्र में छापेमारी करके अपराधियों को गिरफ्तार किया और उनका भंडाफोड़ दिया। पुलिस ने मौके से सुनील कुमार चौरसिया, उसके भाई अनिल चौरसिया और नलिन सिन्हा को गिरफ्तार करके फर्जी एक्सचेंज का खुलासा किया। पकड़े गए अपराधियों के पास से पुलिस ने लगभग 2 सौ सिम कार्ड, छः सिम बॉक्स और अन्य कई उपकरण बरामद किया है। मिली जानकारी के अनुसार ये विदेशों से आने वाली कॉल को इन्टरनेट के जरिये लोकल कॉल में बदल देते थे।

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