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8वीं फेल इस लड़के से आज मुकेश अंबानी भी लेते हैं सलाह – जानिए क्यों?

नई दिल्ली हर किसी का सपना होता है कि उसका बच्चा पढ़-लिखाकर नई ऊंचाई पर पहुंचे। लेकिन कई बार बच्चा मां-बाप की आशाओं को तो पूरा नहीं कर सकती न। अक्सर देखा जाता है कि अगर कोई बच्चा स्कूल के दिनों में अच्छा नहीं कर रहा है तो उसे न लिया जाता है कि वह भविष्य में कुछ खास नहीं कर पायेगा।

लेकिन, आज हम जिसके बारे में बताने जा रहे हैं वह बिल्कुल अलग हैं। हम बात कर रहे हैं कि मुंबई में रहने वाले एक लड़के की, जिसने पढ़ाई में कुछ खास न कर सकने के बावजूद अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। tac security ceo trishneet arora.

8वीं फेल लड़का बन गया करोड़पति

पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। ये कहावत इस लड़के पर बिल्कुल भी फिट नहीं बैठती है। क्योंकि ये लड़का तो आठवीं में फेल होने गया था और यह करोड़पति है। इस लड़के की बड़ी-बड़ी कंपनियां क्लाइंट हैं। मात्र 23 साल की उम्र में इस लड़के ने स्कूल में कुछ खास न कर सकने के बावजूद एक अलग मुकाम हासिल किया है। हम बात कर रहे हैं कि मुंबई में रहने वाले त्रिशनित अरोरा की, जिनका पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था।

आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के हैं मालिक

मुंबई में रहने वाले त्रिशनित अरोरा की, जिनका पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। जिसकी वजह से उनका परिवार परेशान रहता था। त्रिशनित एक एथिकल हैकर हैं। हैंकिंग के जरिए त्रिशनित ने जितना भी काम किया वो सभी पैसे अपनी कंपनी खड़ी करने में लगा दिया और उन्होंने टैक सिक्योरिटी नाम की कंपनी खड़ी की। टैक सिक्योरिटी आज देश के कोने कोने में फैली हुई है। यहां तक की मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस भी इसकी क्लाइंट है। इसके अलावा यह कंपनी बड़ी सरकारी अधिकारियों के लिए भी काम करती है। 8वीं फेल त्रिशनित हैकिंग पर ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’ नाम से एक किताब भी लिख चुके हैं।

रिलायंस है इनकी कंपनी का क्लाइंट

दरअसल, पढ़ाई में कमजोर होने के बावजूद त्रिशनित को बचपन से ही कम्प्यूटर में इंट्रेस्ट था और वह अपना ज्यादा वक्त वीडियो गेम खेलते हुए बिताया करते थे। कम्प्यूटर से इस तरह का लगाव देखकर और पढ़ाई में ध्यान न देने के कारण उनके पिता को परेशान रहते थे। त्रिशनित ने एक बार बताया था कि उनके पिता हर दिन कम्प्यूटर का पासवर्ड बदल देते हैं जिसे वो क्रेक कर लेते थे। इसी को देखकर इनके पिता ने उन्हें एक नया सिस्टम लाकर दिया था।

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